New Delhi: भारत मंडपम में चल रहे वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में रविवार को झारखंड के उद्योग सचिव अरवा राजकमल ने झारखंड पवेलियन का अवलोकन किया. उन्होंने कहा कि झारखंड खनिज संपदा के साथ-साथ अपने घने वनों, आदिवासी संस्कृति और विविध वनोत्पादों के लिए प्रसिद्ध है. राज्य के लगभग 78 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में वन फैले हुए हैं.
वन विभाग के डीएफओ श्रीकांत वर्मा ने बताया कि झारखंड में 136 माइनर फूड प्रोड्यूस वाले वन हैं. जहां शाल, महुआ, इमली, कुसुम, जामुन और पलाश जैसे पेड़ पाए जाते हैं. यहां से लाह, सिल्क, शहद और चिरौंजी जैसे उत्पाद तैयार कर देश-विदेश में भेजे जाते हैं.
कृषि विभाग के प्रतिनिधि मुकेश द्विवेदी ने कहा कि झारखंड में चावल उत्पादन प्रमुख है और सरकार ऑर्गेनिक सब्जियों को बढ़ावा दे रही है. वहीं फिशरीज विभाग के अनुसार, राज्य प्रतिवर्ष 3.60 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन कर रहा है. झारखंड पवेलियन में मछली का अचार और पापड़ खास आकर्षण बने हुए हैं, जिन्हें लोग खूब सराह रहे हैं.
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