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CWC की बैठक, सोनिया गांधी, राहुल, खरगे सहित शशि थरूर भी शामिल हुए, जी राम जी  कानून का विरोध

 New Delhi : कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक शनिवार को इंदिरा भवन में हुई. यह बिहार चुनाव में हार के बाद CWC की पहली बैठक है.

 

 

 
बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए हैं. अहम बात यह रही कि बैठक में शशि थरूर भी शामिल हुए. इससे रहले वे कांग्रेस की कई अहम बैठकों से गायब रहे थे.  


सीडब्लूसी की बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक में शिरकत की.  


पार्टी के वरिष्ठ नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा, दिग्विजय सिंह, सचिन पायलट, वीरप्पा मोइली, गौरव गोगोई, कुमारी सैलजा, चरणजीत सिंह चन्नी, अभिषेक मनुसिंघवी आदि नेता भी सीडब्लूसी बैठक में शामिल हुए. इसके अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटियों (PCC) के अध्यक्ष भी बैठक में आये हैं.


खबर है कि इस बैठक में वीबी जी राम जी  कानून के नाम से जाना जाने वाले केंद्र सरकार के नये कानून विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) का विरोध किया गया. इसे गरीब विरोधी करार दिया गया. साथ ही अरावली पर सरकार के स्टैंड को खतरनाक करार दिया गया.


वीबी जी राम जी  कानून महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) को खत्म कर लाया गया है.  हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र में इस विधेयक को पारित किया गया है. 


 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मुहर इस पर लग चुकी है. जान लें कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस नये कानून पर ऐतराज जता रहे है.


उनका आरोप है कि मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाना न सिर्फ गांधी जी का अपमान है, बल्कि ग्रामीण गरीबों के अधिकारों पर भी सीधा हमला है. इस कानून से राज्यों पर बोझ पड़ेगा, क्योंकि इसके तहत 40 प्रतिशत राशि राज्यों को वहन करनी है. 

 

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