- स्थापना दिवस के उत्साह के साथ मेरे मन में सन्नाटा भी है
- इस मंच में आज आदिवासी-मूलवासी के छांव के रूप में दिशोम गुरु नहीं हैं
- ऐसी चीजें समय-समय पर विचलित भी करती हैं
- सीएम ने 8799 करोड़ की 1087 योजनाओं का उदघाटन व शिलान्यास किया
Ranchi: झारखंड राज्य स्थापना दिवस के रजत पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन संबोधन के दौरान थोड़ा भावुक भी हो गए. उन्हें दिशोम गुरु शिबू सोरेन की कमी खलीं. दिल बात भी बयां की. कहा कि यूं तो हम सभी स्थापना दिवस पर इकट्ठा हुए हैं. लेकिन आज इस स्थापना दिवस के उत्साह के साथ मेरे मन में थोड़ा सन्नाटा भी है.
क्योंकि आज इस मंच पर हमारे बीच आदिवासी-मूलवासी के छांव के रूप में दिशोम गुरु शिबू सोरेन नहीं हैं. इससे उबरने में थोड़ा समय लगेगा. इससे भी उबरेंगे. ऐसी चीजें समय-समय पर विचलित भी करती हैं. हम आदिवासी ही नहीं देश के मूलवासी हैं. देश के प्रथम वारिस भी हैं. कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं.
राज्य को बनाने के लिए कितने संघर्ष और बलिदान दिए गए
सीएम ने कहा कि इस राज्य के निर्माता का संघर्ष, बलिदान और त्याग आदिवासी-मूलवासी को बचाने की कवायद रही है. लेकिन इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि राज्य को बनाने के लिए कितने संघर्ष और बलिदान दिए गए.

वर्ष 2000 से सैकड़ों साल पहले इस मिट्टी में जन्म लिया. जिनके वजह से आज हमें अलग पहचान मिली है. उन्हीं के संघर्ष के बदौलत यहां के आदिवासी–मूलवासी सर उठाकर खड़ा हो सके. गर्व से अपने आप को झारखंड कह सके. यह सौभाग्य पूर्वजों और वीर सपूतों के योगदान से मिला है. अब राज्य के संवारने में अब दायित्व नौजवान पीढ़ियों पर है. सरकार और आम नागरिकों के कंधों पर हैं. हर कोने में राज्य को सजाने-संवारने और इसके सर्वांगीण विकास में योगदान देना होगा.
2050 में झारखंड कैसा होगा, इसकी तैयारी में जुटे हैं

सीएम ने कहा कि 2050 में झारखंड कैसा होगा. इसकी तैयारी में जुटे हैं. इस प्रदेश मे देश को जितना दिया है, शायद ही किसी प्रदेश ने दिया हो. झारखंड की भूमि से देश को पहचान दिलाई है. यहां के खनिजों से कारखनों की भट्ठियां जलीं. उत्पादन हुआ.
देश दुनिया में व्यापार बढ़ा.देश को विकसित करने में हमारे लोगों ने श्रम बल भी दिया. हमें भी उम्मीद है कि देश उतना ही झारखंड को सम्मान और अधिकार दे. जिसके हम हकदार हैं.
विकसित देश तभी हो सकता है जब राज्य विकसित हो

सीएम ने कहा कि विकसित देश तभी हो सकता हा जब राज्य विकसित हो. राज्य तभी विकसित हो सकता है जब गांव विकसित हो. तभी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. झारखंड के जमीन के उपर इतनी समृद्धि मिली है. जिससे देश में हम अलग पहचान बना सकते हैं.
जनमानस की भावना के साथ आर्थिक सामाजिक मानसिक और बौद्धिक के अनुरूप राज्य को दिशा देने का प्रयास किया जा रहा है. शिक्षा, स्वास्थ्य और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रोज नए आयाम जोड़े जा रहे हैं.यहां के बच्चे स्कूलों में ही टॉप नहीं कर रहे बल्कि खेल के मैदान में भी परचम लहरा रहे हैं.
वीरों के सपनों को धरातल पर उतारना है
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि वीरों के सपनों को धरातल पर उतारना है. आज वीरों की मूर्ति जो लगी हुई है वह मूर्ति नहीं बल्ति प्रेरणा स्त्रोत भी है. वे पहचान और ताकत देते हैं. आज प्रकृतिक संतुलन बनाते हुए राज्य का समग्र विकास कैसे हो इसके लिए रास्ता बनाने की तैयारी में हैं.
आधी आबादी को मजबूत करने में लगे हैं
आज आधी आबादी को बजट का आधा हिस्सा देकर मजबूत करने में लगे हैं. यह दिख छोटा रहा है लेकिन इसका प्रभाव बड़ा है. इससे प्रभावित होकर दूसरे प्रदेश भी इसमें लगे हुए हैं. झारखंड अब पीछे नहीं रहेगा. व्यवधानों को समाप्त करते हुए आगे बढ़ेंगे.
सीएम ने 1087 योजनाओ का उद्घाटन व शिलान्यास किया

सीएम ने स्थापना दिवस समारोह के दौरान 8799 करोड़ करोड़ की 1087 योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया. इसमें 4475 करोड़ करोड़ की 209 योजनाओं का शिलान्यास व 4324 करोड़ की 878 योजनाओं का उद्घाटन किया. मौके पर राज्यपाल और सीएम ने सोविनियर का भी विमोचन किया.
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