Ranchi: सोमवार को एयरपोर्ट से निकलते हुए असम के मुख्यमंत्री और झारखंड के चुनाव सह प्रभारी हिमंता विस्वा सरमा ने प्रेस को संबोधित किया. इस दौरान हिमंता ने बीजेपी में हो रहे पाला बदल और पार्टी पर लग रहे परिवारवाद के आरोपों पर बात की. उन्होंने कहा है कि पार्टी की सूची जारी होने के बाद झारखंड में यह इतिहास रहा है कि कुछ असंतुष्टि नजर आती ही है और कुछ इस्तीफे मिलते हैं. हमारे पास यही संकेत आ रहे हैं कि चुनाव को लेकर लोग बहुत उत्साहित हैं, ज्यादा लोगों में असंतुष्टि नहीं है. सरमा ने कहा कि लोग नामांकन के काम में लग गए हैं, थोड़ी बहुत जो लोगों में असंतुष्टि है, वह स्वाभाविक है. जिनके भी मन में खेद और दुख है, उससे हम बात कर लेंगे. हर पॉलिटिकल पार्टी में टिकट एनाउंसमेंट के बाद 2-3 दिनों तक असंतुष्टि होती है, इसलिए मैं इसमें कोई भी टिप्पणी नहीं करूंगा.
युद्ध की हो चुकी है शुरुआत
हिमंता विस्वा सरमा ने अपने संबोधन में प्रेस से कहा कि अभी युद्ध की शुरुआत हो चुकी है. हमारा मेनिफेस्टो है, हमारा संकल्प है, उसको लेकर हम जनता के बीच में जाएंगे और एनडीए को जनता विजई बनाएगी. हमारा विश्वास है, हमारा कोई परिवारवाद नहीं है. बाबूलाल मरांडी चुनाव नहीं लड़ रहे हैं इसलिए उनकी पत्नी को टिकट दिया गया है, उसी तरह रघुवर दास चुनाव नहीं लड़ेंगे, इस कारण उनकी बहु पूर्णिमा को टिकट मिला है.
विरोधी दल न दे हमें सीख
परिवारवाद पर बिना झामुमो का जिक्र किए हिमंता ने पलटवार करते हुए कि हमारी पार्टी में ऐसा नहीं है कि बीवी भी चुनाव लड़ रही है, पति भी चुनाव लड़ रहे हैं और उनका भाई भी चुनाव लड़ रहा है. ऐसा हमारी पार्टी में नहीं है. चंपाई सोरेन हमारी पार्टी में नए-नए आए हैं और ज्वॉइनिंग के वक्त उनसे कुछ बातें हुई थी, आश्वासन दिया गया था, जिन पर अमल किया गया है. सरमा ने आगे कहा कि चंपाई सोरेन को थोड़ा अलग तरीके से देखना होगा क्योंकि वो पहले बीजेपी में नहीं थे. चंपाई सोरेन के बेटे को छोड़ दें, तो हमारी पार्टी में कोई परिवारवाद नहीं है.
इस दौरान हिमंता ने बताया कि बरहेट और टुंडी सीट पर जल्द उम्मीदवार घोषित कर दिए जाएंगे. इसका चुनाव दूसरे फेज में होने का है इसलिए पूरा समय लेकर हम इन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करेंगे. हमलोग चर्चा कर रहे हैं, धीरे-धीरे पिक्चर क्लीयर हो जाएगी, तो हम अनाउंस कर देंगे. कोई-कोई व्यक्ति टिकट अनाउंसमेंट की बात मान लेते हैं और बहुत सारे हैं जो नहीं मानते हैं, तो ये एक नेचुरल प्रॉसेस है. जो लोग बीजेपी के हैं, वो मान जाएंगे और जिसके मन में है कि टिकट नहीं मिलने से हम पार्टी में काम नहीं करेंगे, वो चले जाएंगे. हमारे इतने उम्मीदवार हैं, ज्यादा बगावत नहीं हुई है. हम इस बगावत को संभाल लेंगे और चुनाव में जीतेंगे भी.
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