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जहां कोयला तस्करी की CID कर रही जांच, वहां भी धड़ल्ले से हो रहा अवैध कोयले का कारोबार

 Latehar : जहां कोयला तस्करी की सीआईडी जांच कर रही है वहां भी धड़ल्ले से अवैध कोयले का कारोबार हो रहा है. यह मामला जिले के बालूमाथ क्षेत्र का है. यहां साल 2020 में कोयला तस्करी में पुलिस अफसरों की मिली भगत का बड़ा मामला सामने आया था. सीआईडी ने बालूमाथ थाना में दर्ज कांड संख्या 126/2020 को टेकओवर किया था. अब इस मामले की जांच सीआईडी की टीम कर रही है, वहीं दूसरी ओर बालूमाथ थाना क्षेत्र स्थित मगध कोल परियोजना के फेस 3 चमातू से हर दिन 40 से 50 ट्रक अवैध कोयले का कारोबार हो रहा है. इसे भी पढ़ें - प्रीति">https://lagatar.in/preity-zinta-gave-birth-to-twins-told-what-is-the-name-of-both/">प्रीति

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 जानिए कैसे हो रहा है अवैध कोयले का कारोबार

जानकारी के मुताबिक चमातू कोल माइंस से अवैध तरीके से दर्जनों हाईवा बिना बैरियर में एंट्री किए कोल माइंस के अंदर घुसते है. क्रेशर या कोयला स्टॉक से माइंस में मौजूद लोडर द्वारा सभी हाईवा पर कोयला लोड किया जाता है, और बिना किसी रोक-टोक से बाहर निकाल कर किसी अन्य सुनसान जगह पर कोयले को डंप किया जाता है. वहां से जेसीबी की मदद से ट्रक में लोड कर आसपास के प्लांट और डेहरी मंडी में भेजा जा रहा है. इसे भी पढ़ें -जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-body-found-in-pieces-in-plastic-bag-police-engaged-in-investigation/">जमशेदपुर

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 कोयला तस्करी में अफसरों की भूमिका की सीआईडी कर रही जांच

मगध कोल परियोजना के प्रोजेक्ट अफसर की शिकायत पर बालूमाथ इलाके में कोयला तस्करी की जांच सीआईडी कर रही है. सीआईडी ने लातेहार पुलिस के एसआईटी द्वारा की गई जांच में तथ्यों के आधार पर केस को टेकओवर किया है. इसमें बालूमाथ थाने में दर्ज केस 126/20 के अनुसंधान की जिम्मेदारी डीएसपी स्तर के अधिकारी को दी गई है. सीआईडी कोयला तस्करी में लातेहार के एसडीपीओ रहे रणवीर सिंह, बालूमाथ के थानेदार रहे राजेश मंडल और पूर्व में बालूमाथ में तैनात रहे पुलिस अफसरों के अलावे चतरा, रांची, रामगढ़ समेत अन्य जिलों में कोयला तस्करी में शामिल अफसरों की भूमिका की जांच कर रही है. इसके अलावा सीसीएल के अफसरों-कर्मियों की भूमिका की जांच भी सीआईडी कर रही है. लेकिन साल भर से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है. इसे भी पढ़ें -SC">https://lagatar.in/scs-big-decision-skin-to-skin-contact-is-not-necessary-for-pocso/">SC

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क्या है मामला

जानकारी के मुताबिक, बालूमाथ से लगातार कोयला तस्करी की शिकायतें मिल रही थीं. तत्कालीन एसपी प्रशांत आनंद ने छापेमारी कर कोयला लदे ट्रकों को जब्त किया था. छापेमारी के बाद जब कोयला बरामद हुआ, तब जांच में यह बात सामने आई थी कि कोयला तस्कर प्रति ट्रक डीएसपी और इंस्पेक्टर को पैसे देते हैं. लाखों रुपये का भुगतान कोयला तस्करों के द्वारा किया जा चुका है. मामला सामने आने के बाद तत्कालीन एसपी प्रशांत आनंद ने डीएसपी के क्राइम रीडर को पूछताछ के लिए बुलाया. पूछताछ में डीएसपी के रीडर ने कोयला तस्करों से मिलीभगत की बात स्वीकार की थी. रीडर के मोबाइल फोन में कोयला तस्करों से बातचीत की रिकॉर्डिंग भी थी. ऐसे में एसपी ने रीडर के मोबाइल फोन को भी जब्त कर लिया. वहीं जांच में डीएसपी और इंस्पेक्टर की भूमिका को लेकर कई तथ्य भी सामने आये थे. इसके बाद एसपी ने सबूतों के साथ पूरी रिपोर्ट डीजीपी को भेज दी थी. इसे भी पढ़ें - कारोबारी">https://lagatar.in/robbery-at-businessmans-house-criminals-took-20-lakh-rupees-by-taking-family-members-hostage/">कारोबारी

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