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शीतकालीन सत्रः 4 विधेयक लिए गए वापस, पर्यटन विकास व निबंधन संशोधन विधेयक पारित

Ranchi : झारखंड विधानसभा में चल रहे शीतकालीन सत्र के चौथे दिन चार निजी विश्वविद्यालय वापस लिए गए. जबकि झारखंड पर्यटन विकास और निबंधन संशोधन विधेयक 2025 सदन में पारित हो गया. 

 

जो विधेयक वापस लिए गए उनमें दो अगस्त, 2023 को पारित "सी वी रमण ग्लोबल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, दो अगस्त, 2023 को सभा द्वारा पारित "आरोग्यम इंटरनेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, 21 मार्च, 2023 की सभा द्वारा पारित "जैन विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 और 20 दिसंबर 2023 को सभा द्वारा पारित "शाईन नेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023" शामिल हैं.

 

ये विधेयक निजी विवि के स्थापना के मापदंडों और प्रक्रिया परिवर्तन के आलोक में वापस लिए गए. स्पीकर ने कहा कि पांच दिसंबर से अब तक 12 निवेदन स्वीकृत हुए हैं, जिसे विभागों को भेजा जाएगा. 

 

ऐसा लगता है कि सिर्फ पदाधिकारी और उपायुक्तों को सारी जानकारी रहती है- राज सिन्हा

झारखंड पर्यटन विकास और निबंधन संशोधन विधेयक 2025 को प्रवर समिति को भेजने के प्रस्ताव पर राज सिन्हा ने कहा कि इसमें विधायकों को भी अधिकार दिया जाना चाहिए. ऐसा लगता है कि सारी चीजों की जानकारी पदाधिकारियों और उपायुक्तों को ही रहती है.

 

स्थानीय जनप्रतिनिधि को उस क्षेत्र की ज्यादा जानकारी रहती है.  पहले धनबाद के भटिंडा फॉल में शूटिंग होती थी. आज उसकी दुर्दशा हो गई है. उसमें लोग रोज डूब रहे हैं. वहां के स्थानीय गोताखोरों को सुविधा मिलनी चाहिए. बंद खदानों का सौंदर्यीकरण होना चाहिए. टूरिज्म को उद्योग की तरह बढ़ावा दिया जा सकता है. इससे रेवेन्यू भी बढ़ेगा. 

 

जिस क्षेत्र में पर्यटन स्थल हैं वहां विधायक को नामित करेः नवीन

जवीन जायसवाल ने कहा कि जिस क्षेत्र में पर्यटन स्थल है, उस क्षेत्र के विधायक को भी नामित करें. अगर कमेटी में क्षेत्र के विधायक रहेंगे तो बेहतर सुझाव देंगे. टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. टूरिज्म आज एक बड़ा उद्योग है.
 

पर्यटन स्थलों में प्रशासनिक ईकाई का गठन होगा- सुदिव्य सोनू

झारखंड पर्यटन विकास और निबंधन संशोधन विधेयक 2025 पर कहा कि पर्यटन स्थलों में प्रशासनिक ईकाई के गठन का प्रस्ताव है. वहां अपने क्षेत्र में आने वालों वाहनों से टैक्स वसूल सकेगी. जिससे बेहतर व्यवस्था होगी. संबंधित जिलों के उपायुक्त प्राधिकार के अध्यक्ष होंगे.

 

अन्य सदस्यों को विभाग के द्वारा नामित किया जाएगा. प्राधिकार के संचालन के लिए राज्य सरकार कोई कमी नहीं करेगी. छोटी कमेटी बनाई गई है, जो उस क्षेत्र के पर्यटन के प्रबंधन का काम देखेगी.

 

पर्यटन क्षेत्र से अतिक्रमण के उन्मूलन का प्रावधान किया गया है. पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी. नियमों की अवहेलना पर आर्थिक दंड लगाने का भी प्रावधान है. इसका आमसभा से संचालन व्यवहारिक प्रतीत नहीं होता है.

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