Ranchi : वेतनमान और समायोजन की मांग को लेकर टेट पास पारा शिक्षक संघ, झारखंड प्रदेश की ओर से शुक्रवार को न्याय मार्च निकाला गया. इसमें राज्य भर के करीब 12 हजार टेट पास पारा शिक्षक एक मांग वेतनमान का नारा लगाते हुए पुराना विधानसभा मैदान में जुटे. वहां से तिरंगे के साथ जुलूस की शक्ल में डोरंडा स्थित शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के आवास तक पदयात्रा की. उनका आवास घेर कर मंत्री से न्याय की गुहार लगायी.
मंत्री के निजी सचिव ने पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों से वार्ता की
चूंकि शिक्षा मंत्री अपने आवास पर मौजूद नहीं थे, तो उनके निर्देश पर उनके निजी सचिव ने पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों से वार्ता की. इस दौरान प्रदेश महासचिव मोहन मंडल, वार्ताकार कमिटी सदस्य सुनील कुमार यादव, झरीलाल महतो, सीमांत घोषाल,मीना कुमारी,संजय मेहता,डोमन महतो, रविशंकर ठाकुर मिथिलेश उपाध्याय आदि उपस्थित थे. वार्ता के उपरांत उनके सचिव ने आश्वस्त किया कि एक हफ्ते के भीतर वे समायोजन के मुद्दे पर अधिकारियों की उपस्थिति में आधिकारिक वार्ता आयोजित कराने का प्रबंध कराएंगे.
वार्ता नहीं होने की स्थिति में दुर्गापूजा भी नहीं मनाएंगे
इस पर टेट पास पारा शिक्षक प्रतिनिधियों ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर वार्ता आयोजित नहीं की गई तो और भी उग्र स्तर का आंदोलन किया जाएगा. संघ के महासचिव मोहन मंडल ने कहा कि वार्ता नहीं होने की स्थिति में हम दुर्गापूजा भी नहीं मनाएंगे और दोबारा रांची आकर उग्र प्रदर्शन करेंगे.
सीएम का आश्वासन नाकाम साबित हुआ- मोद कुमार
संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने कहा कि हेमंत सरकार ने चुनाव पूर्व अपने घोषणापत्र एवं चुनावी सभाओं में सरकार गठन के तीन माह के भीतर पारा शिक्षकों को वेतनमान देते हुए समायोजित करने का वादा किया था. किंतु दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीन साल बीतने को है, किंतु वादा अबतक पूरा नहीं हो सका है. बीते वर्ष वार्ता के क्रम में महाधिवक्ता ने भी सरकार को लिखित राय सौंपी थी कि टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान देते हुए समायोजित किया जा सकता है और इसमें कोई भी विधिक अड़चन नहीं है. टेट पास पारा शिक्षक एनसीटीई और एनइपी के मानदंडों को पूर्ण करते हुए सरकारी शिक्षक बनने की दावेदारी रखते हैं. राज्य सरकार ने इन तथ्यों को दरकिनार करते हुए वेतनमान के समर्थन में बनी नियमावली को गौण कर गत वर्ष दिसंबर में मानदेय में मामूली बढ़ोतरी करते हुए एक दोयम दर्जे की नियमावली थमा दी. इससे टेट पास पारा शिक्षक असंतुष्ट थे. मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया था कि एक माह के भीतर टेट पास पारा शिक्षकों के साथ वेतनमान के लिए वार्ता की जाएगी. मगर यह आश्वासन भी नाकाम साबित हुआ.
…तो मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा
प्रदेश महासचिव मोहन मंडल ने कहा कि 20 साल के अनुभव के साथ सभी अर्हता रखने के बावजूद जिस प्रकार से सरकार समायोजन से मुकर रही है, इससे टेट पास पारा शिक्षक आक्रोशित हैं. अब यह महासंग्राम समायोजन के पहले किसी भी हाल में नहीं रुकेगा. संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुणाल दास ने कहा कि एक तो हमें वेतनमान के अधिकार से वंचित रखा गया है ऊपर से सरकार सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली की सहमति देकर हमें सीधे टकराव की चुनौती दे रही है. हम वेतनमान मिलने तक कोई भी नियुक्ति होने नहीं देंगे. सरकार को वेतनमान का वादा याद दिलाने के लिए यह न्याय मार्च एक सांकेतिक शांतिपूर्ण शक्ति प्रदर्शन था. एक हफ्ते के भीतर सरकार वेतनमान और समायोजन के विषय पर आधिकारिक पहल नहीं करती है तो मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा.
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