से पैसा निकालना पड़ेगा महंगा, अब बैंक वसूलेंगे ज्यादा चार्जेस
एनआइटी की धाराओं के तहत दें जानकारी
निगम की ओर से बताया गया है कि उर्जा मित्रों की जानकारी एजेंसियों को पहले देने थी. लेकिन एजेंसियों ने ऐसा नहीं किया. निगम ने फिर से एजेंसियों से इसकी जानकारी मांगी है. जिसमें उर्जा मित्रों की शैक्षणिक और तकनीकि योग्यता के साथ मशीनों की जानकारी मांगी गयी है. निगम के सूत्रों ने बताया कि पिछले साल से निगम एजेंसियों को बदलने की तैयारी की. इस साल फरवरी में एजेंसियों को बदला गया. कोरोना के कारण बीच में काम बंद रहा. लेकिन इस दौरान भी एजेंसियों ने जानकारी नहीं दी.आपूर्ति क्षेत्रों के अनुसार की गयी है तैनाती
एजेंसियों की तैनाती निगम ने आपूर्ति क्षेत्रों के अनुसार की है. जिसमें साई कंप्यूटर्स लिमिटेड, मेसर्स एमडी डिजिट्रॉनिक्स लिमिटेड, मेसर्स कंपीटेंट सिनिजरीज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स क्वेस कारॅपोरेशन लिमिटेड को काम दिया गया है. जानकारी है कि पहले राज्य में लगभग तीन हजार पांच सौ उर्जा मित्र मीटर रीडिंग करते थे. रीडिंग डोर टू डोर की जाती थी. लेकिन नयी एजेंसियों के आने के बाद इसकी जानकारी निगम के पास नहीं है कि कितने उर्जा मित्र कार्यरत हैं. इसे भी पढ़ें -सुब्रमण्यम">https://lagatar.in/subramanian-swamy-again-said-on-china-only-india-retreated-on-lac-china-has-only-moved-forward-modi-government-on-target/86551/">सुब्रमण्यमस्वामी फिर चीन पर बोले, LAC पर केवल भारत पीछे हटा, चीन तो आगे ही बढ़ा है, निशाने पर मोदी सरकार [wpse_comments_template]