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प्राकृतिक खेती मिशन पर कार्यशाला, उत्कृष्ट क्लस्टर को मिलेगा 1 लाख का पुरस्कार

Ranchi : राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत पशुपालन निदेशालय सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने का आह्वान किया. 

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उन्होंने कहा कि कम खर्च, ज्यादा उत्पादन और अधिक मुनाफे का दूसरा नाम प्राकृतिक खेती है, जो न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाती है बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनाए रखती है.

 

मंत्री ने बताया कि झारखंड में वर्तमान में 4 हजार हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसे आगामी वर्षों में और बढ़ाया जाएगा. कार्यशाला में राज्य के 12 जिलों के 88 क्लस्टरों से आए कृषि सखी और किसानों ने हिस्सा लिया और अपने अनुभव साझा किए.

 

अपने संबोधन में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती के अंतर को समझते हुए आगे बढ़ना होगा. उन्होंने कहा कि किसान स्वयं प्राकृतिक खेती के ब्रांड एंबेसडर बन सकते हैं.

 

बदलते मौसम और जलवायु संकट को देखते हुए प्राकृतिक खेती अधिक टिकाऊ साबित होती है. भारी बारिश और तूफान जैसी परिस्थितियों में भी प्राकृतिक तरीकों से उगाई गई फसलें कम क्षतिग्रस्त होती हैं, जबकि रासायनिक खेती इसका सामना नहीं कर पाती.

 

मंत्री ने रासायनिक खेती से उत्पन्न खाद्य पदार्थों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों पर चिंता जताते हुए कहा कि हम अनजाने में भोजन के माध्यम से जहर ग्रहण कर रहे हैं. इसे रोकने के लिए प्राकृतिक खेती को आंदोलन के रूप में अपनाना होगा.

 

उन्होंने अधिकारियों को प्राकृतिक खेती की नियमित निगरानी और वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया. राज्य सरकार भविष्य की कार्ययोजना इसी मूल्यांकन के आधार पर बनाएगी. प्राकृतिक खेती में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले क्लस्टर को एक वर्ष में 1 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.


कार्यशाला में आंध्र प्रदेश के पूर्व IAS अधिकारी और प्राकृतिक खेती के विशेषज्ञ टी. विजय कुमार ने कहा कि प्राकृतिक खेती आधुनिक विज्ञान पर आधारित है और इसका लक्ष्य अगले 10 वर्षों में 80 लाख परिवारों को इससे जोड़ना है. उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती से जमीन की जलधारण क्षमता बढ़ती है और किसान प्रति माह 15 से 25 हजार रुपये की आमदनी आसानी से अर्जित कर सकते हैं.

 

इस अवसर पर विशेष सचिव प्रदीप हजारी, उद्यान निदेशक माधवी मिश्रा, समिति निदेशक विकास कुमार, अमित कुमार सिंह, उपनिदेशक शशि भूषण अग्रवाल सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे.

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