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रिम्स में RCT मेटा-विश्लेषण पर वर्कशॉप, देशभर से जुटे डॉक्टर और शोधकर्ता

Ranchi : रिम्स, रांची में आज एक वर्कशॉप का आयोजन हुआ, जिसमें देशभर से आए डॉक्टर, प्रोफेसर, स्टूडेंट्स और शोधकर्ता जुटे. ये वर्कशॉप Randomized Controlled Trials (RCTs) के मेटा-विश्लेषण यानी "सबसे भरोसेमंद इलाज की पड़ताल" पर आधारित थी.

 

इस आयोजन की खास बात ये रही कि यह वर्कशॉप रिम्स के नए-नवेले Technical Resource Centre (TRC) के बैनर तले हुई, जो हाल ही में Department of Laboratory Medicine के तहत शुरू किया गया है. इस पूरे कार्यक्रम को भारत सरकार के स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग (DHR) और ICMR का सपोर्ट मिला है. TRC को सरकार की तरफ से 25 लाख की ग्रांट भी मिली है, ताकि इलाज और मेडिकल गाइडलाइन्स को और बेहतर बनाया जा सके.वर्कशॉप में 79 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें रिम्स और देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों से आए प्रोफेसर, पीजी स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर शामिल थे.


प्रशिक्षण देने वाले एक्सपर्ट्स में ये नाम प्रमुख रहे

 

डॉ. अजय के. बाखला (मनोरोग विभाग)

डॉ. अनुपा प्रसाद (जीन और जीनोमिक्स विभाग)

डॉ. मनोज कुमार प्रसाद (औषधि विभाग)

डॉ. अमित कुमार (लैब मेडिसिन)

डॉ. अंकिता टंडन और डॉ. अर्पिता राय (डेंटल कॉलेज)

 


इन विशेषज्ञों ने RCT आधारित मेटा-विश्लेषण की तकनीक, तरीका और जरूरी टूल्स के बारे में जानकारी दी. प्रतिभागियों को ये भी सिखाया गया कि कैसे इस रिसर्च पद्धति का इस्तेमाल कर बेहतर और भरोसेमंद मेडिकल गाइडलाइन्स तैयार की जाती हैं.वर्कशॉप के दौरान इस बात पर भी रोशनी डाली गई कि कैसे रिम्स का TRC, मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी जटिल बीमारियों के इलाज (जैसे स्टेम सेल थेरेपी) के लिए देशभर में उपयोग होने वाली गाइडलाइन बनाने में भी शामिल रहा है.

 

 


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