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विश्व स्वास्थ्य दिवस : झारखंड के शहरों की हवा हो गई प्रदूषित, नवजातों पर पड़ रहा असर - डॉ.अमित सिह मुंडा

Pravin Kumar Ranchi : झारखंड में रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो जैसे शहरों की हवा प्रदूषित हो गयी है. जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ेगा. झारखंड धीरे- धीरे वायु प्रदूषण की आगोश में समाता जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो वायु प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इनमें दिल की बीमारियां स्ट्रोक फेफड़ों का कैंसर क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी) और तीव्र श्वसन संक्रमण प्रमुख हैं. बच्चे Acute Respiratory Infections यानी तीव्र श्वसन संक्रमण के अधिक शिकार होते हैं. रांची के जाने माने रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर अमित सिंह मुंडा ने बताया कि आज से पांच साल पहले रांची,जमशेदपुर जैसे शहरों के नवजात बच्चों में श्वसन से जुड़े सक्रमण देखने को नहीं मिलता था. लेकिन पिछले पांच साल में यह समस्या रांची में भी देखने को मिल रही है. इसे भी पढ़ें - धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-asma-became-a-mason-after-divorce-from-her-husband-the-bread-of-8-laborers-running-because-of-her/">धनबाद

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 प्रदूषण का प्रभाव नवजात पर देखा जा रहा

वर्तमान समय में प्रदूषण का असर हमारे सेहत पर तो पड़ता ही है. यह महिलाओं के गर्भ को भी प्रभावित कर रहा है. यही वजह है कि इस दिनों वायु प्रदूषण की वजह से बच्चों का जन्म समय से पूर्व हो रहा है. यह जानकारी  हाल ही में राकेश घोष के नेतृत्व में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया द्वारा किए गये शोध में सामने आयी है. इस शोध में शोधकर्ताओं ने घर के भीतर और बाहर दोनों जगह मौजूद वायु प्रदूषण के प्रभाव का विश्लेषण किया है. इसे भी पढ़ें - साहिबगंज">https://lagatar.in/sahibganj-husband-kills-wife-in-mutual-dispute-accused-arrested/">साहिबगंज

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59 लाख नवजातों का जन्म समय से पहले

यह पहला अध्ययन है जिसमें शोधकर्ताओं ने वैश्विक स्तर पर वायु प्रदूषण और गर्भावस्था से जुड़ी कुछ प्रमुख समस्याओं पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया है. जिसमें जन्म के समय गर्भस्थ शिशु की आयु, जन्म के समय कम वजन और समय से पहले वजन आदि शामिल है. गौरतलब है कि एक सामान्य बच्चे का वजन जन्म के समय ढाई किलोग्राम या उससे ज्यादा होता है. दुनिया भर में हर साल वायु प्रदूषण के चलते करीब 59 लाख नवजातों का जन्म समय से पहले हो रहा है जबकि करीब 28 लाख शिशुओं का वजन जन्म के समय सामान्य से कम होता है.

बिहार शरीफ की हवा सबसे ज्यादा दूषित

अब देश की हवा पर गौर करें तो  देश के 147 शहरों में बिहार शरीफ की हवा सबसे ज्यादा दूषित है. यह बात केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अप्रैल 2022 के रिपोर्ट में कही गयी है. जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 368 दर्ज किया गया. वहीं बागपत – 332, भिवाड़ी -305, छपरा -321, धारूहेड़ा -316, गाजियाबाद -311 और सिंगरौली में वायु गुणवत्ता सूचकांक -318 पर पहुंच गया है. जो की प्रदूषण की बेहद खराब स्थिति को दर्शाता है. इसे भी पढ़ें - रांची">https://lagatar.in/ranchi-art-school-student-aron-won-international-award-by-defeating-4500-children-from-79-countries/">रांची

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