Ranchi : विश्व आदिवासी दिवस और रक्षा बंधन इस वर्ष 9 अगस्त को एक साथ मनाए जाएंगे. एक जहां भाई-बहन के अटूट रिश्ते का पर्व है, वहीं दूसरा आदिवासी समाज की एकजुटता और अधिकारों के लिए जागरूकता का प्रतीक है. इस दिन आदिवासी समाज जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए वैश्विक मंच पर अपनी आवाज बुलंद करता है.
दिशोम गुरू शिबू सोरेन के निधन से बदला कार्यक्रम
सामाजिक कार्यकर्ता कुंदरसी मुंडा ने बताया कि आदिवासी समाज के पुरोधा और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का 4 अगस्त को निधन हो गया. इस कारण विश्व आदिवासी दिवस का विरोध और उत्सव को नहीं मनाने का निर्णय लिया गया है.
पैदल मार्च का कार्यक्रम स्थगित
पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार सिरमटोली सरना स्थल से जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम तक पैदल मार्च निकालने का कार्यक्रम था, जिसे शोक के चलते रद्द कर दिया गया.
कुछ संगठन मनाएंगे उत्सव
वहीं, केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलु मुंडा के नेतृत्व में भगवान बिरसा मुंडा समाधि स्थल पर धरती आबा को माल्यार्पण करेंगे. विश्व आदिवासी दिवस का भव्य आयोजन करने की घोषणा पहले ही की गई थी. हालांकि, मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए कई संगठनों ने इसे सादगी और श्रद्धांजलि के रूप में मनाने का फैसला लिया है.
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