Ranchi : राज्य में देशद्रोह मुकदमा के अंडर ट्रायल मामलों में 97 फीसदी लोग निर्दोष हैं. इसमें तीन फीसदी के माओवादी होने की संभावना है. वहीं, 46 फीसदी 29 से 40 उम्र के युवा हैं, जो जेल में बंद हैं. ये आंकड़े ए स्टडी ऑफ अंडर ट्रायल इन झारखंड के हैं. रिपोर्ट बताते हैं कि राज्य के 22 फीसदी अंडर ट्रायल युवाओं की उम्र 18 से 22 है. इसमें से 69 फीसदी आदिवासी, एससी और दलित समुदाय के हैं. ये बातें त्रिपुरा की राज्यसभा सांसद झरना दास ने कहीं. झरना शनिवार को जन कन्वेंशन को संबोधित कर रही थीं. इसका आयोजन फादर स्टेन न्याय मोर्चा की ओर से किया गया.
झरना दास ने कहा कि कुछ राज्य के लोगों के खिलाफ केंद्र सरकार ने योजनाबद्ध तरीके से यूएपीए के तहत मुकदमा चलाया. पूर्वी राज्यों में इसका असर और अधिक रहा. पत्थलगड़ी के नाम पर भी सरकार ने इस कानून के तहत मुकदमा चलाया. कन्वेंशन के दौरान यूएपीए, मौद्रीकरण परियोजना समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गयी.
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संसद भी बेच सकती है सरकार
झरना ने कहा कि केंद्र सरकार ने मौद्रीकरण परियोजना लायी है. देश की संपत्ति जिस गति से बेची जा रही है. लगता है कि सरकार सभी सरकारी संस्थाएं भी बेच देगी. रोजगार जैसे मुद्दों को छोड़ सरकार निजीकरण से कमाई की बात करती है. वहीं भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने कहा कि केंद्र सरकार देश में संविधान की हत्या कर रही है. युवाओं को बरगलाने की नीति पर काम हो रहा है. एक तरफ सरकार निजीकरण की योजना बना रही है. तो दूसरी तरफ द्रेशद्रोह के मुकदमे से आंदोलनकारियों और आम जनता को दबा रही है.
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कार्यकर्ताओं ने सांसद से की मांग
कन्वेंशन में मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने सांसद झरना से कई मांगें रखीं. इनमें यूएपीए समेत अन्य देशद्रोह मामलों में बंद मानवाधिकार और राजनैतिक कैदियों को रिहा किया जाये, यूएपीए जैसे कानूनों को वापस लेने की मांग, साथ ही इन मांगों को सदन में उठाने के लिए कहा. इस दौरान आंदोलन की भी जानकारी दी गयी. इसमें एक सितंबर से 7 अक्टूबर तक जनता के बीच व्यापक अभियान चलाने का निर्णय लिया गया. वहीं, आठ अक्टूबर को प्रखंड से लेकर पंचायत स्तर तक में आम सभा, जुलूस आदि आयोजित किये जायेंगे. बीडीओ-सीओ के माध्यम से पत्र राष्ट्रपति को भेजा जायेगा. मौके पर राजेश यादव, दयामनी बारला, ज्यां द्रेज समेत अन्य मौजूद रहे.