Ranchi : झारखंड में मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार एवं स्वच्छ-हरित विद्यालय रेटिंग की प्रक्रिया तेज हो गई है. इसी क्रम में झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक शशि रंजन ने अनुश्रवण दल के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.
उन्होंने निर्देश दिया कि 13 दिसंबर 2025 तक सभी चयनित विद्यालयों का अनिवार्य रूप से निरीक्षण पूरा किया जाए और अनुशंसा बिल्कुल पारदर्शी तरीके से भेजी जाए.
राज्य सरकार ने इस वर्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में पहली बार इस पुरस्कार की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य विद्यालयों में स्वच्छता, पेयजल, हरियाली और WASH मानकों में किए गए उत्कृष्ट कार्यों की पहचान और प्रोत्साहन देना है.
राज्य के सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों ने इस पहल में सक्रिय भागीदारी की है. यूनिसेफ के सहयोग से विद्यालयों की स्टार रैंकिंग प्रणाली विकसित की गई है, जिसके लिए ‘MSVP Jharkhand’ मोबाइल एप और वेबसाइट तैयार की गई है. विद्यालयों को एप में पूछे गए सवालों का सही उत्तर देना होता है.
सभी जिलों ने अपने-अपने स्तर पर विद्यालयों का चयन कर लिया है और 136 विद्यालयों की अनुशंसा राज्य को भेज दी गई है, जिनमें से 119 विद्यालयों को राज्यस्तर पर पुरस्कार दिया जाएगा. पंचायत से लेकर जिला और राज्यस्तर तक कुल 4,345 विद्यालयों को वित्तीय पुरस्कार दिया जाना है.
मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए चयन के मुख्य संकेतकों में शुद्ध पेयजल, स्वच्छ शौचालय, साबुन से हाथ धोने की सुविधा, स्वच्छता व्यवहार, पर्यावरण संरक्षण, माहवारी स्वच्छता, स्वास्थ्य कार्यक्रम, और विद्यालय सुरक्षा शामिल हैं.
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