केंद्र और राज्य सरकार वहन करती है खर्च
राज्य में ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए केंद्र और राज्य सरकार फंड निर्गत करते हैं. इसमें 60 फीसदी राशि केंद्र जबकि 40 प्रतिशत राशि का भुगतान राज्य को करना होता है. राज्य के अति उग्रवाद प्रभावित 113 चयनित प्रखंडों में 100 से लेकर 249 आईएपी एवं अनुसूचित जिलों में 250 से अधिक एवं सामान्य जिलों में 500 की जनसंख्या वाले गांवों में संपर्क सड़क का निर्माण किया जाना है. इसे भी पढ़ें- स्टेन">https://lagatar.in/more-than-two-and-a-half-thousand-people-appealed-for-stan-swamys-vine/43583/">स्टेनस्वामी की बेल के लिए ढाई हजार से अधिक लोगों ने की अपील वर्ष 2020 से न्यूनतम आवश्यक कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य संपोषित योजनाओं से 337 योजनाएं चलाई गई थी. जिसमें सड़क की कुल लंबाई 1401.154 किमी का काम पूरा कर लिया गया है.
ठेकेदार टेंडर प्रक्रिया में भाग नहीं लेते
पिछले वितीय वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 50 योजनाओं का टेंडर का निबटारा नहीं हो सका. उग्रवाद प्रभावित इलाकों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत टेंडर निबटारा कर इसका कार्यादेश ठेकेदारों को देना था. लेकिन उग्रवाद प्रभावित इलाका होने के कारण टेंडर निकालने के बाद भी इसके निबटारे का मामला लटका रह गया. ठेकेदारों के टेंडर में भाग नहीं लेने के कारण यह स्थिति उत्पन हुई है. कई सड़कों का निर्माण टेंडर निबटारा नहीं होने के कारण रद्द हो गया है. उग्रवाद प्रभावित सुदूर इलाकों में छोटी-छोटी योजनाओं पर या तो ठेकेदारों ने टेंडर नहीं डाला या फिर ठेकेदार अहर्ता पूरी नहीं कर रहे थे. इसलिए टेंडर को रद्द करना पड़ा. अब साल भी समाप्त होने वाला है. ऐसे करीब 50 से अधिक योजनाओं के लटक जाने की संभावना है. https://lagatar.in/ranchis-gold-robbery-revealed-seven-arrested-including-the-culprit-involved-in-the-raju-dhanuka-murder-case/43573/https://lagatar.in/development-work-of-second-entry-terminal-of-ranchi-station-stalled/43581/
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