Ranchi : उत्तर कोयल नहर परियोजना (मंडल डैम) के डूब क्षेत्र में आने वाले सात गांवों के 780 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास की दिशा में राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है. पांच दशक से अधूरी पड़ी इस परियोजना के लिए सरकार ने कुल 1407.66 एकड़ भूमि पुनर्वास हेतु चिन्हित कर ली है.
गढ़वा जिले के रंका प्रखंड के ग्राम विश्रामपुर और रमकंडा प्रखंड के विश्रामपुर संरक्षित वन क्षेत्र में 777.66 एकड़, जबकि ग्राम बलीगढ़ में 630 एकड़ वनभूमि पुनर्वास हेतु प्रस्तावित है. चयनित स्थानों को राजस्व ग्राम का दर्जा दिया जाएगा, जिससे विस्थापित परिवारों के साथ स्थानीय ग्रामीण भी मूलभूत सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे.
ग्राम सभा से अनुमोदन अनिवार्य
780 परिवारों के पुनर्वास के लिए ग्राम सभा आयोजित कर निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा. सरकार ने निर्देश दिया है कि पुनर्वास हेतु ग्राम सभा/वनाधिकार समिति की स्वीकृति एक माह के भीतर ली जाए. ग्राम सभा की प्रक्रिया का फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाएगा.
कब क्या निर्णय हुआ ?
राज्य कैबिनेट ने परियोजना के लिए 774.55 करोड़ रुपये मंजूर किए थे.सातों गांवों के विस्थापित परिवारों को 15-15 लाख रुपये मुआवजा और एक-एक एकड़ जमीन देने का निर्णय लिया गया .चेमो और सान्या जैसे गांव, जो शहीद नीलांबर-पीतांबर से जुड़े हैं, इस परियोजना के दायरे में आते हैं.
2019 में पीएम ने रखी थी आधारशिला
5 जनवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद नीलांबर-पीतांबर उत्तर कोयल नहर परियोजना के अधूरे कार्य को पूरा करने के लिए आधारशिला रखी थी. लक्ष्य वर्ष 2022 तय किया गया था, लेकिन विस्थापितों के मुआवजा, सुरक्षा सहित कई कारणों से कार्य शुरू नहीं हो पाया.
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