Ranchi : झारखंड में बच्चों और महिलाओं के पोषण व शिक्षा को और मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. इसके तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्य के 17 जिलों में 159 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे.
गोड्डा में बनेंगे सबसे अधिक आंगनबाड़ी केंद्र
केंद्रीय महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्रालय की ओर से इनके संचालन और भवन निर्माण की स्वीकृति दे दी गई है. राज्य के पांचों प्रमंडलों में बनने वाले इन आंगनबाड़ी केंद्रों में सबसे ज्यादा 45 केंद्र गोड्डा जिले में और 43 केंद्र पाकुड़ जिले में स्थापित होंगे. शेष आंगनबाड़ी केंद्र अन्य जिलों में बनाए जाएंगे.
वर्तमान में हैं 38,798 आंगनबाड़ी केंद्र
वर्तमान में झारखंड में कुल 38,798 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हो रहे हैं. इन केंद्रों के जरिए छह साल तक के बच्चों, महिलाओं और किशोरियों को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक शिक्षा से जुड़ी सेवाएं दी जाती हैं.
19 करोड़ भवन निर्माण व 17 करोड़ हर साल संचालन पर होगा खर्च
आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण पर करीब 19 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसका पूरा खर्च केंद्र सरकार उठायेगी. वहीं, इन केंद्रों के संचालन और रखरखाव पर हर साल 17 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार वहन करेगी.
दो योजनाओं के तहत होंगे केंद्रों का निर्माण
स्वीकृत कुल 159 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 109 का निर्माण प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान (पीएम जनमन योजना) के तहत होगा. ये केंद्र विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTG) वाले जिलों में बनाए जाएंगे. इनमें पाकुड़ में सबसे ज्यादा 43, गोड्डा में 36, साहेबगंज में 13, गुमला में 5, पलामू में 4, पूर्वी सिंहभूम में 4, पश्चिम सिंहभूम में 2 और देवघर में 2 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं.
वहीं 50 केंद्र धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत उन जिलों में बनाए जाएंगे, जहां आदिवासी बहुल आबादी रहती है. इनमें पूर्वी सिंहभूम के 4, पश्चिम सिंहभूम के 3, गुमला के 3, लातेहार के 4, रांची के 3, गढ़वा के 2, गिरीडीह के 7, गोड्डा के 9, देवघर के 4, दुमका के 5, साहेबगंज के 2, बोकारो के 1, हजारीबाग के 1, लोहरदगा के1 और खूंटी के 1 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं.
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