Kaushal Anand
Ranchi: डोमिसाइल आंदोलन की 20वीं बरसी पर डोमिसाइल आंदोलन समर्थकों ने आंदोलन में शहीद हुए संतोष कुंकल, विनय तिग्गा, कैलाश कुजूर को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पति की. रविवार को डोरंडा स्थित त्रिमूर्ति पर माल्यार्पण और श्रद्धांजलि सभा आयोजन किया गया. इस मौके पर डोमिसाइल आंदोलन के मुख्य नेतृत्वकर्ता पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि आज 20 साल हो गए, मगर आज भी हमारे झारखंड का अपना स्थानीय नीति तय नहीं हो पाया. हमारे युवा लोग नौकरी और रोजगार के लिए दर-दर भटक रहे हैं. जिस मांग को लेकर हमारे लोगों ने अपनी प्राण की आहूति दी, उनका सपना आज भी अधूरा है. कार्यक्रम में विधायक नेहा शिल्पा तिर्की, जगदीश लोहरा, लक्ष्मीनारायण मुंडा, प्रेमशाही मुंडा, विजय शंकर नायक, संजय कच्छप, सविता कुजूर, राजेश कुजूर, जस्मीन एक्का,उम्बुल सांगा, बासुदेव कुजूर,रौशन तिर्की,भीम उरांव, शिशिर तिग्गा, शोभा टोपनो उपस्थित थे.
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स्थानीय नीति के लिए बड़े आंदोलन की जरूरत
आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच और आदिवासी मंच ने शहीद संतोष कुंकल, विनय तिग्गा, कैलाश कुजूर की त्रिमूर्ति पर माल्यार्पण किया. इस मौैके पर राजू महतो ने कहा कि डोमिसाइल दिवस 24 जुलाई एक ऐतिहासिक दिन है. करोड़ों आदिवासी मूलवासी जनता की भावना के अनुरूप खतियान के आधार पर स्थानीय नीति को लेकर जो संघर्ष हुआ, वह अविश्वसनीय है. झारखंड के आदिवासी मूलवासी जनता के उस संघर्ष को आज भी जीवित रखा है. खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करके ही आदिवासी मूलवासी जनता दम लेंगे. इसके लिए अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नेतृत्वकर्ता के माध्यम से राज्यव्यापी आंदोलन चल रहा है. सारे आंदोलन को मिलाकर एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया जाएगा. सरकार को खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करने के लिए विवश होना होगा.
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ये रहे मौजूद
इस मौके पर लाल नाथ शाहदेव, विजय साहू, इशरत आलम, सर्जन हांसदा, रंजीत उरांव, इकबाल, विनीता खलखो, मंगलेश्वर उरांव, गोपाल महतो, प्रवीण सहाय सहित कई लोग उपस्थित थे.
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