संपर्क में है. इसके बाद 22 कामगारों की वापसी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद संभव हुई है. एक महीने पहले 10 कामगार झारखंड लौटे थे. 25 मार्च 2022 को कामगारों को पहली खेप में 10 मजदूरों को सुरक्षित लाया गया था. इसके बाद 25 एवं 26 मई को 10 कामगार झारखंड लौटे. इसे भी पढ़ें-बीजेपी">https://lagatar.in/bjps-complaint-to-the-election-commission-the-counting-of-votes-took-place-under-the-pressure-of-madhu-and-geeta-koda-in-noamundi/">बीजेपी
की निर्वाचन आयोग से शिकायत, नोवामुंडी में मधु और गीता कोड़ा के दबाव में हुई मतगणना पिछले दिनों इन श्रमिकों ने राज्य सरकार से अपनी सुरक्षित वापसी के लिए सोशल मीडिया के जरिये गुहार लगाई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को सभी कामगारों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया था.
कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद कंपनी ने चार महीने तक कराया काम
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए काम करना शुरू किया. इस कड़ी में पता चला कि सभी कामगार 30 जनवरी 2019 से लीड इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी में लाइनमैन के रूप में कार्यरत हैं. 30 सितंबर 2021 को इनका कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो चुका है और अक्टूबर 2021 से जनवरी 2022 तक कंपनी के कहने पर बिना कॉन्ट्रैक्ट के 4 महीने काम किया, जिसका पेमेंट उन्हें नहीं मिला है. राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कार्रवाई करते हुए कामगारों से केस से संबंधित दस्तावेज साझा करने को कहा. श्रम विभाग द्वारा मेल के माध्यम से हाई कमीशन ऑफ इंडिया, मलेशिया को घटना पर संज्ञान लेने को कहा गया. इसे भी पढ़ें-आयात">https://lagatar.in/import-crisis-in-two-months-there-may-be-a-situation-like-sri-lanka-in-pakistan-too/">आयातका संकट : दो माह में पाकिस्तान में भी हो सकती है श्रीलंका जैसी हालत
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