- अफसर-ठेकेदारों की मिलीभगत उजागर
- शशांक चोपड़ा और अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
Raipur : छत्तीसगढ़ में 500 करोड़ के कथित मेडिकल सप्लाई घोटाले में ई़डी ने बड़ी कार्रवाई की है. ईडी की अलग-अलग टीम एक साथ रायपुर, दुर्ग समेत राज्य के कई हिस्सों में 18 से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर रही है. यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की जा रही है, जो छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (CGMSC) और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (DHS) से जुड़ी कथित अनियमितताओं से संबंधित है.
The Enforcement Directorate's Chhattisgarh unit is conducting raids at 18 premises related to either Shashank Chopda, partner of Mokshit Corporation or the officials of CGMSC and DHS in connection with a medical supply scam. Shashank Chopda, in collusion with the officials of…
— ANI (@ANI) July 30, 2025
शशांक चोपड़ा और अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप
ईडी अधिकारियों के अनुसार, मोक्षित कॉर्पोरेशन के साझेदार शशांक चोपड़ा ने सीजीएमएससी और डीएचएस के कुछ अफसरों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से रेट कॉन्ट्रैक्ट (दर अनुबंध) हासिल किया. इसके जरिए मेडिकल उपकरण और केमिकल्स की आपूर्ति के लिए अनुचित तरीके से खरीद आदेश जारी करवाए गए, जिसकी अनुमानित राशि 500 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है.
बिना जरूरत के की गई खरीदारी, रिकॉर्ड भी संदिग्ध
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई स्वास्थ्य केंद्रों की वास्तविक जरूरतों का मूल्यांकन किए बिना भारी मात्रा में मेडिकल उपकरण और रिएजेंट्स खरीदे गए. एसीबी और ईओडब्ल्यू की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच मोक्षित कॉर्पोरेशन और इसकी एक फर्जी इकाई को अरबों की आपूर्ति के ऑर्डर दिए गए.
चार निजी कंपनियों पर भी जांच की आंच
इस मामले में मोक्षित कॉर्पोरेशन के अलावा सीबी कॉर्पोरेशन (दुर्ग), रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम (पंचकूला, हरियाणा) और श्री शारदा इंडस्ट्रीज (रायपुर) जैसी कंपनियों पर भी भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप है. इन कंपनियों ने कथित तौर पर घोटालेबाज नेटवर्क बनाकर सिस्टम को गुमराह किया.
एसीबी की रिपोर्ट के आधार पर जांच कर रही ईडी
यह छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है. ईडी की जांच एसीबी और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा अप्रैल में दर्ज की गई एफआईआर और चार्जशीट पर आधारित है. उल्लेखनीय है कि एसीबी ने 22 जनवरी को इस मामले में छह लोगों को नामजद किया था, जिन पर 550 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप है.
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