Ranchi : झारखंड में एसआईआर (Special Identification Register) को लेकर राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने गहरी चिंता जताई है. विभिन्न दलों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की जाएगी.
इस संबंध में बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें राजद, भाकपा, माकपा, भाकपा (माले), टीएमसी, सपा, बसपा सहित कई आदिवासी एवं मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए.
बैठक में सर्वसम्मति से कहा गया कि झारखंड में एसआईआर के बहाने एक बड़ी साजिश रची जा रही है, जिससे राज्य के लाखों गरीब, मजदूर और विस्थापित लोग प्रभावित होंगे. नेताओं ने कहा कि झारखंड में पहले ही लाखों लोग विस्थापन और बेरोजगारी के कारण अपनी जमीन और पहचान खो चुके हैं.
नेताओं ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर चुनाव आयोग मतदाता सूची के पुनरीक्षण के नाम पर लोगों के नाम हटाने की कोशिश कर रहा है, जो पिछले दरवाजे से एनआरसी लागू करने की कोशिश है.
प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि नागरिकता छिन जाएगी, तो लोगों के नाम वोटर लिस्ट, राशन कार्ड, नौकरी और सरकारी योजनाओं से भी हटा दिए जाएंगे, जिससे वे पूरी तरह वंचित हो जाएंगे.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि नवंबर महीने में रांची में एक भव्य सेमिनार का आयोजन किया जाएगा, जिसमें इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा होगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी.
बैठक में उपस्थित प्रमुख नेताओं में महेंद्र पाठक (भाकपा राज्य सचिव), अशोक यादव (एटक राज्य सचिव), इम्तियाज खान (भारतीय खेत मजदूर यूनियन राज्य सचिव), अजय कुमार सिंह (जिला सचिव), अनीता यादव (राजद प्रदेश उपाध्यक्ष), प्रकाश बिप्लव (माकपा राज्य सचिव), शुभेंदु सेन (भाकपा माले), अब्दुल्ला अजहर मुफ्ती काशमी, प्रोफेसर अली (ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिसे), फ़िलोमैन टोपनो (टीएमसी प्रदेश अध्यक्ष) सहित सपा और बसपा के कई प्रतिनिधि मौजूद थे.
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