Deoghar : श्रावणी मेले की अंतिम सोमवारी को बाबा बैद्यनाथ धाम में श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ पड़ी. रविवार रात से ही कांवरियों का सैलाब मंदिर की ओर बढ़ने लगा था और सोमवार देर शाम तक करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने बाबा पर जल चढ़ाकर मंगलकामना की.
देर रात में यह कतार करीब 10 किमी दूर नंदन पहाड़ तक पहुंच गयी थी. कांविरयों की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद दिखा. सोमवार को बाबा मंदिर का पट तय समयानुसार सुबह 3:05 बजे खोला गया.
सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा ने सबसे पहले बाबा को कांचा जल अर्पित कर पूजा की शुरुआत की. इसके बाद बाबा की परंपरागत सरदारी पूजा की गयी, जो आधे घंटे तक चली. इसके बाद बाबा का दुग्धाभिषेक कर देश और राज्य में शांति की कामना की गयी.
पूजा के बाद आम भक्तों के लिए जलार्पण शुरू किया गया तथा अरघा के माध्यम से श्रद्धालुओं की लंबी कतार बाबा को जल चढ़ाने के लिए आगे बढ़ती चली गयी. दोनों अधिकारी जलार्पण को सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए हरेक प्वाइंट पर तैनात दंडाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते रहे.
जैसे ही कतार बरमसिया चौक से संचालित होने लगी, वरीय अधिकारी मंदिर परिसर से निकलकर रूट लाइन का निरीक्षण करने पहुंच गये. अंतिम सोमवारी के दिन बाह्य अरघा और मां पार्वती मंदिर में जलार्पण करने वालों की कतार भी काफी लंबी रही.
बाह्य अरघा की लाइन सरिता होटल के पास तक जा पहुंची, जबकि पार्वती मंदिर की कतार मंदिर के पश्चिमी द्वार से निकलकर नाथबाड़ी होते हुए सनबेल बाजार तक पहुंच गयी. रात 7:30 बजे तक करीब दो लाख कांवरियों ने बाबा को जल अर्पित कर लिया था. इसमें मुख्य और बाह्य दोनों अरघा शामिल हैं. भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर रखी थी.
बाह्य अरघा पर विशेष रूप से बैरिकेडिंग की गयी थी और पुलिस बल की संख्या बढ़ायी गयी थी, ताकि कहीं भी अफरा-तफरी की स्थिति उत्पन्न नहीं हो. वहीं अंतिम सोमवारी के अवसर पर बाबा मंदिर के सभी मुख्य द्वारों को आकर्षक फूलों से सजाया गया था.
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