Ranchi : क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की स्थापना के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर NDMC हॉल, नई दिल्ली में स्वर्ण जयंती राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. देशभर से सैकड़ों कर्मचारी प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में हिस्सा लिया.
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, लोकसभा सदस्य जगदंबिका पाल, सांसद नरेश उत्तम पटेल, मल्लू रवि, कामेश्वर किशोर, विपुल राय समेत अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए. सभी सांसदों का स्वागत किया गया और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया.
सम्मेलन में बताया गया कि देश के 28 क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अपनी 22,700 से अधिक शाखाओं के माध्यम से लगभग 42 करोड़ ग्रामीण आबादी को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. 13 लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यवसाय संचालित कर रहे हैं. ग्रामीण बैंकों की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है.
ग्रामीण बैंकों का निजीकरण ग्रामीण समाज के हितों के विरुद्ध- नितेश कुमार
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव नितेश कुमार मिश्रा ने कहा कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को एकीकृत कर एक देश एक ग्रामीण बैंक की अवधारणा को लागू करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है. इससे न केवल बैंकिंग व्यवस्था सुदृढ़ होगी, बल्कि ग्रामीण ग्राहकों को पारदर्शी, सुलभ एवं आधुनिक सेवाएं प्राप्त होंगी.
सम्मेलन में HR पॉलिसी एवं प्रमोशन नीति में सुधार, दैनिक वेतनभोगी एवं अस्थायी कर्मियों के नियमितीकरण तथा ग्रामीण बैंकों के IPO एवं निजीकरण के प्रयासों का कड़ा विरोध दर्ज किया गया. ग्रामीण बैंकों का निजीकरण किसानों, मजदूरों और ग्रामीण समाज के हितों के विरुद्ध है.
कार्यक्रम में ये थे शामिल
कार्यक्रम में ऑल इंडिया आरआरबीज के प्रेसिडेंट सी. राजीवन, सेक्रेटरी जनरल वेंकटेश्वर रेड्डी, झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव नितेश कुमार मिश्रा, कोषाध्यक्ष विजय राम, राष्ट्रीय प्रवक्ता शगुन शुक्ला, शिवकरण द्विवेदी, एनएफआरआरबी के जनरल सेक्रेटरी जॉइंट सेक्रेटरी मिथुन कुमार, समीरन मेहंदी बिहार से मिथुन कुमार अमित सहित देशभर के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी, कर्मचारी नेता एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे.
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