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बाल विवाह के खिलाफ झारखंड में बड़ा अभियान, 45 अनुमंडलों में प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू

Ranchi : झारखंड में सामाजिक कुरीतियों को खत्म करने और महिलाओं व बालिकाओं को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. समाज कल्याण निदेशालय और झारखंड महिला विकास समिति के संयुक्त तत्वावधान में सामाजिक कुरीति निवारण, राज्य सरकार की योजनाओं और बाल विवाह मुक्त झारखंड को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.

 

यह कार्यक्रम राज्य के सभी 45 अनुमंडलों में 20 दिसंबर 2025 से 26 जनवरी 2026 तक चलेगा. इसमें जनप्रतिनिधियों, संबंधित विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गई है.

 

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बाल विवाह पर रोक लगाना है. बाल विवाह कानूनन अपराध है, जिसमें दो साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है. जहां देश में बाल विवाह की औसत दर 23 प्रतिशत है, वहीं झारखंड में यह 32 प्रतिशत है. यानी राज्य में हर तीसरा विवाह बाल विवाह है. ऐसे मामलों की सूचना महिला हेल्पलाइन 181, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 और पुलिस हेल्पलाइन 112 पर तुरंत देने की अपील की गई है.

 

कार्यक्रम में डायन प्रथा उन्मूलन पर भी विशेष जोर दिया गया है. राज्य में डायन बिसाही से जुड़ी घटनाओं को गंभीर सामाजिक समस्या बताते हुए इसे खत्म करने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई है. डायन प्रथा से जुड़े अपराधों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है और इसकी सूचना महिला हेल्पलाइन 181 पर देने को कहा गया है.

 

इसके साथ ही राज्य सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है. इनमें मंईयां सम्मान योजना के तहत 18 से 49 वर्ष की महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत किशोरियों को 20 हजार रुपये की सहायता, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में 30 हजार रुपये की आर्थिक मदद, विधवा पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना में 2 लाख रुपये की सहायता, सामूहिक विवाह और अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक सहयोग और दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना शामिल हैं.

 

कार्यशाला में मिशन शक्ति योजना की भी जानकारी दी जा रही है, जिसके तहत महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए वन स्टॉप सेंटर, 24 घंटे की महिला हेल्पलाइन 181 और पीड़ित महिलाओं को चिकित्सा, कानूनी व परामर्श सहायता उपलब्ध कराई जाती है.सरकार का कहना है कि यह अभियान बाल विवाह मुक्त झारखंड और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत और प्रभावी कदम साबित होगा.

 

 

 

 

 


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