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MGM अस्पताल जमशेदपुर के संचालन के लिए अनुश्रवण समिति गठित हो : सरयू राय

  • अनुश्रवण समिति में स्थानीय सांसद और विधायक को भी शामिल किया जाए
  • साल होने को चला, अब तक पानी की व्यवस्था ठीक नहीं हुई
  • एलएंडटी कंपनी ने घटिया गुणवत्ता के नल लगाए अस्पताल परिसर में

Ranchi : जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को पत्र लिख कर एमजीएम अस्पताल, जमशेदपुर के सुचारू परिचालन के लिए एक सक्षम अनुश्रवण समिति गठित करने का आग्रह किया है. 

 

कहा है कि एमजीएम अस्पताल के सुचारू संचालन के लिए सरकार द्वारा एक सक्षम समन्वय एवं अनुश्रवण समिति गठित करना आवश्यक प्रतीत हो रहा है, जिसमें स्थानीय सांसद और विधायक भी शामिल किये जाएं.

 

आनन-फानन में अस्पताल का हुआ उद्घाटन 

2024 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से जिस प्रकार आनन-फानन में अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा करा दिया गया, उसका खामियाजा अभी तक अस्पताल प्रबंधन, मरीजों तथा मरीजों के परिजनों को भुगतना पड़ रहा है.

 

साल भर का समय बीत जाने के बावजूद पुराने अस्पताल का सफल स्थानांतरण नये भवन में नहीं हो पाया है. वियक ने पत्र में आशंका जताई है कि अगर सक्षम अनुश्रवण समिति नहीं बनी तो आशंका है कि पुराने अस्पताल के साथ-साथ वहां की पुरानी समस्याएं भी नए भवन में स्थानांतरित हो जाएंगी.

 

नए भवन में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है

जिस समय एमजीएम अस्पताल के अधूरे भवन का उद्घाटन हो रहा था, उस समय उन्होंने सवाल उठाया था कि अस्पताल के नए भवन में पानी की कोई व्यवस्था नहीं है, इसके बावजूद इसका उद्घाटन हो रहा है और पुराने अस्पताल को इसमें शिफ्ट करने की कवायद की जा रही है.

 

देश में यह पहला अस्पताल होगा जो पानी की व्यवस्था नहीं होने के बावजूद उद्घाटित हो रहा है. सरयू राय ने यह भी पूछा था कि पानी के अभाव में अस्पताल का संचालन कैसे संभव हो सकता है? तब जाकर उद्घाटन के बाद अफरातफरी में पांच डीप बोरिंग अस्पताल परिसर में कराए गये जो नियमानुसार नहीं हैं. अभी तक इन्हीं पांच डीप बोरिंग से अस्पताल में जलापूर्ति हो रही है, जो अपर्याप्त है.

 

घटिया स्तर के लगाए गए हैं आरओ और नल

अस्पताल भवन का निर्माण करने वाले ठेकेदार एलएंडटी ने अस्पताल भवन में बोरिंग का पानी साफ करके पीने योग्य बनाने के लिए जितने भी आरओ एवं नल लगाये, वे सभी घटिया स्तर के हैं. नल टिकाउ नहीं होने के कारण ध्वस्त हो जा रहे हैं और पेयजलापूर्ति ठप हो जा रही है.

 

ठेकेदार द्वारा लगाए गए आरओ बोरिंग से आने वाले भूगर्भ जल की शुद्धता अस्पताल के मानक के अनुरूप नहीं है. पानी में घुले ठोस पदार्थों की मात्रा काफी अधिक पायी जा रही है. यानी आरओ के माध्यम से शुद्ध किए गए जल की गुणवता बोरिंग से आनेवाले भूगर्भ जल की गुणवत्ता जैसी ही है, जो कि खतरनाक है.

 

उन्होंने उम्मीद जताई कि अस्पताल की अनुश्रवण समिति दवाओं की उपलब्धता, मशीनों की स्थिति, पारामेडिकल स्टाफ की स्थिति, पैथोलोजिकल एवं अन्य जांच की स्थिति के बारे में संज्ञान लेगी और इन्हें दुरुस्त कराने का उपाय करेगी.

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