Ranchi : पूर्व शिक्षा मंत्री की अगुवाई में शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया. इससे पूर्व सिरमटोली सरना स्थल से अधिकार दिवस के रूप में पैदल मार्च शुरू हुआ, जो क्लब रोड, सुजाता चौक, मेन रोड, अल्बर्ट एक्का चौक और शहीद चौक होते हुए पुनः सिरमटोली सरना स्थल पर समाप्त हो गई.
यहां पर विचारगोष्ठी और संकल्प दिवस के रूप में विश्व आदिवासी दिवस को मनाया. इसमें बडी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए. इस दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों को जो हक मिलना चाहिए था, वह नहीं मिल रहा है. आज इनकी जल, जंगल और जमीन हाथ से निकलती जा रही है. पांचवीं अनूसूची वाले क्षेत्र मे पेसा कानून लागू नहीं हो पा रहा है.
झारखंड का 25 वर्ष पूरा हो रहा है. बावजूद इसके ग्राम सभा सशक्तिकरण नहीं हो पा रहा है. आज भी महिलाओं की डायन प्रथा खत्म नही हो रही है. गीताश्री उरांव ने कहा कि झारखंड राज्य गठन के बाद से आदिवासी जमीन की लूट तेजी से बढ़ी है, सिर्फ रैयती जमीन ही नहीं, बल्कि सरना, मशना, डाली कतारी, भूईहरी जैसी पवित्र व संरक्षित भूमियों पर भी अतिक्रमण हो रहा है.
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