Ranchi: आदिवासी अधिकार राष्ट्रीय मंच की अखिल भारतीय समन्वय समिति की दो दिवसीय बैठक रांची में शुरू हुई. देश के 15 राज्यों से आए समिति सदस्य इस बैठक में भाग ले रहे हैं.बैठक का उद्घाटन मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं त्रिपुरा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जितेन चौधरी ने किया.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि देश में आदिवासी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों को सीमित करने और उनके जल, जंगल, जमीन व खनिज संसाधनों पर कॉरपोरेट कब्जे की कोशिशें तेज़ हुई हैं. उन्होंने घोषणा की कि मंच आने वाले महीनों में आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए देशव्यापी जनअभियान चलाएगा.
स्वागत समिति के अध्यक्ष और झारखंड हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रत्नाकर भेंगरा ने कहा कि आदिवासियों को अपनी भाषा, संस्कृति और पहचान की रक्षा के लिए सजग रहना होगा. उन्होंने जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग पहचान के कॉलम की आवश्यकता पर बल दिया और संविधान की पांचवीं अनुसूची तथा सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णयों के संरक्षण पर प्रकाश डाला.
बैठक को मंच के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व सांसद पुलिन बिहारी बास्की, उपाध्यक्ष बृंदा कारात, खेत मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव वेंकटेश के, संताल परगना संयोजक सुभाष हेम्ब्रम, छोटानागपुर संयोजक सुखनाथ लोहरा और आदिम जनजाति मंच के देवी सिंह पहाड़िया ने भी संबोधित किया.
बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कोल ब्लॉक और कोयला खनन परियोजनाओं से हो रहे विस्थापन, प्रदूषण और दुर्घटनाओं पर चिंता जताई गई. साथ ही चाईबासा में विरोध कर रहे आदिवासियों पर हुए पुलिस दमन की निंदा करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की गई.
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