Chaibasa : जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) मद में भ्रष्टाचार को लेकर भारत आदिवासी पार्टी ने बड़ा आंदोलन छेड़ने की घोषणा की है. पार्टी ने जिले के आम नागरिकों, खनन प्रभावित गांवों के लोगों और सामाजिक संगठनों से 11 नवंबर 2025 को चाईबासा जिला मुख्यालय में धरना का अह्वान किया है.प्रदर्शन पश्चिम सिंहभूम के जिलाध्यक्ष सुशील बारला ने गंगदा पंचायत अंतर्गत टीमरा गांव में आयोजित बैठक में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि कोल्हान क्षेत्र खनिज संपदा से समृद्ध है.
लेकिन इसके लाभ से यहां के लोग अब भी वंचित हैं. उन्होंने बताया कि गुवा और चिरिया लौह अयस्क खानों में लगभग 370 मिलियन टन लौह अयस्क का भंडार है. वर्ष 2015 में खान और खनिज अधिनियम में संशोधन के बाद जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) का गठन किया गया था ताकि खनन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को बुनियादी सुविधाएं- पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला-बाल कल्याण, पर्यावरण संरक्षण और सिंचाई जैसी योजनाओं का लाभ मिल सके.
बारला ने कहा कि अगस्त 2025 तक DMFT में करीब 3344 करोड़ रुपये जमा हुए, जिनमें से 1846 करोड़ रुपये खर्च दिखाए गए, लेकिन इन पैसों का लाभ वास्तविक प्रभावित परिवारों तक नहीं पहुंचा. उन्होंने आरोप लगाया कि यह राशि लालफीताशाही और राजनीतिक सिफारिशों में फंस गई है और ग्राम सभाओं से पारित योजनाओं को दरकिनार कर, कुछ चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि अब DMFT मद विकास निधि नहीं बल्कि लूटफंड बनता जा रहा है. इसलिए पार्टी ने तय किया है कि 11 नवंबर को चाईबासा में धरना प्रदर्शन कर महामहिम राज्यपाल एवं झारखंड के मुख्य न्यायाधीश को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें DMFT में हुए घोटालों की उच्च न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की जाएगी.
बैठक को गुलिया चेरवा, नरेंद्र केरकेट्टा, शांन्तिएल कान्डयबुरू, बलदेव जाते, समीर चेरोवा और संजय सहित कई स्थानीय नेताओं ने भी संबोधित किया. बैठक में ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भागीदारी रही और सभी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष का संकल्प लिया
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