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नॉर्थ वेस्टर्न जी.ई.एल. चर्च को झटका, अदालत ने छोटानागपुर एंड असम चर्च को दिया संपत्ति का हक

Ranchi: अदालत ने 39 साल से चल रहे जी.ई.एल. चर्च संपत्ति विवाद पर बड़ा फैसला सुनाते हुए गोस्सनर एवेंजेलिकल लूथेरन चर्च इन छोटानागपुर एंड असम (G.E.L. Church) के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय दिया है. सिविल जज (सीनियर डिवीजन) राज कुमार पांडे की अदालत ने वाद संख्या 285/1986 में नॉर्थ वेस्टर्न जी.ई.एल. चर्च की दावेदारी को पूरी तरह खारिज कर दिया.


यह फैसला 29 नवम्बर 2024 में दिया गया था, लेकिन एक साल बाद जीईएल चर्च कंपाउंड स्थित एचआरडीसी सभागार में चर्च प्रबंधक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी औपचारिक घोषणा की गई.


121.98 एकड़ जमीन पर जी.ई.एल. चर्च का स्वामित्व कायम


प्रबंधक ने बताया कि अदालत ने रांची चर्च परिसर समेत कुल 121.98 एकड़ भूमि पर स्वामित्व और प्रबंधन का अधिकार केवल गोस्सनर एवेंजेलिकल लूथेरन चर्च इन छोटानागपुर एंड असम का ही है. साथ ही  नॉर्थ वेस्टर्न जी.ई.एल. चर्च का दावेदारी को खारिज कर दी है.

 

1845 में जर्मन मिशनरियों ने रखी थी नींव


जी.ई.एल. चर्च की स्थापना वर्ष 1845 में जर्मन मिशनरियों द्वारा की गई थी. 25 जून 1846 को ‘मार्था नामक बालिका का पहला बपतिस्मा हुआ था. इसके बाद 1850 में उरांव 1851 में मुंडा,1864 में संथाल,1866 में खड़िया और1868 में हो समुदाय के लोगों को बपतिस्मा दिया गया.
प्रथम विश्व युद्ध (1914-18) के दौरान मिशनरियों के स्वदेश लौटने के बाद 1919 में स्थानीय मसीहियों ने चर्च की स्वायत्तता की घोषणा की. 1921 में गोस्नर एवंजेलिकल लूथेरान चर्च इन छोटानागपुर एण्ड असम का अपना संविधान बना और सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत इसे पंजीकृत किया गया. 

 

1977 से शुरू हुआ था विवाद

 

चर्च के महासचिव ईश्वर दत कंडुलना ने बताया कि विवाद की शुरुआत वर्ष 1977 में हुई थी, जब कुछ सदस्यों ने नॉर्थ वेस्टर्न जी.ई.एल.चर्च नाम से नया संगठन बना लिया. बाद में इस गुट ने “नॉर्थ वेस्टर्न गोस्सनर एभांजेलिकल लूथेरन चर्च सोसाइटी के नाम से एक नई सोसाइटी रजिस्टर्ड कराई (रजिस्ट्रेशन संख्या 550/2006-2007). 1986 में इस गुट ने सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर कर 121.98 एकड़ जमीन पर स्वामित्व का दावा किया था, जिसे अदालत ने अब खारिज कर दिया है.

 

कानूनी रूप से मिला चर्च प्रबंधक को स्वामित्व दर्जा


जीईएल चर्च के महासचिव ईश्वर दत्त कंडुलना ने कहा कि चार उरांव भाइयों को नॉर्थ वेस्टर्न जीईएल चर्च के पूर्वज बताकर संपत्ति पर दावेदारी की जा रही थी. लेकिन न्यायालय ने 29 नवंबर 2024 में ही यह दावेदारी खारिज कर दी थी.


इसके बाद से अब तक न तो कोई याचिका दायर की गई है, न कोई कानूनी नोटिस प्राप्त हुआ है. मॉडरेटर मार्शल केरकेट्टा,डिप्टी मोडरेटर बिशप एम.पी.बिलुंग, मुख्य सचिव, प्रॉपर्टी सचिव और कानूनी सलाहकारों ने संयुक्त रूप से कहा कि यह अदालत का निर्णय जीईएल चर्च इन छोटानागपुर एंड असम ही संपत्ति का वैध स्वामी है.

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