Ranchi : झारखंड में बिजली से जुड़े विवादों को सुलझाने के लिए 29 नवंबर को विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा. इस पहल का उद्देश्य बिजली उपभोक्ताओं को राहत देना और बिजली बिल, अनधिकृत उपयोग व अन्य बिजली संबंधित मामलों का तेजी से और सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटारा करना है.
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (JHALSA), राज्य के सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों (DLSAs) के सहयोग से इस विशेष लोक अदालत का आयोजन करेगा. इसके लिए JHALSA ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) भी तैयार की है और सभी जिलों को भेज दी गई है.
क्या है उद्देश्य?
- बिजली से जुड़े पुराने मामलों का जल्दी समाधान होगा.
- उपभोक्ता और बिजली विभाग के बीच आपसी समझौते को बढ़ावा मिलेगा.
- लंबित मामलों का बोझ कम होगा.
- न्याय सुलभ और आसान होगा.
राज्य में वर्तमान में 20,000 से अधिक बिजली से जुड़े केस विभिन्न अदालतों और मंचों पर लंबित हैं. इस लोक अदालत में इनमें से कम से कम 50% मामलों के समाधान का लक्ष्य रखा गया है.
महत्वपूर्ण शेड्यूल
- 01 नवंबर : DLSA के अध्यक्ष (प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश) संबंधित अधिकारियों और हितधारकों के साथ बैठक करेंगे.
- 03 से 22 नवंबर : बिजली से जुड़े मामलों की पहचान कर नोटिस भेजे जाएंगे.
- 24 से 28 नवंबर : प्री-लोक अदालत (Pre Lok Adalat) में पक्षकारों के साथ बातचीत कर समाधान की कोशिश की जाएगी.
- 29 नवंबर : विशेष लोक अदालत का आयोजन होगा, जो उसी दिन होने वाली मासिक लोक अदालत के साथ संपन्न होगी.
SOP के तहत प्रमुख बिंदु
- प्रत्येक जिले के हर प्रखंड में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा.
- पूर्व-विवाद (Pre-litigation) मामलों को भी शामिल किया जाएगा.
- लंबित जांच वाले मामलों के निपटारे की भी कोशिश होगी.
- पैरा लीगल वॉलंटियर्स (PLVs) और मध्यस्थों (Mediators) की मदद से पक्षकारों के बीच संवाद कराया जाएगा.
- प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिंग्स, बैनर, मीडिया और रेडियो का उपयोग होगा.
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