Ranchi: झारखंड में माध्यमिक आचार्य कैंडिडेट्स, कुड़ुख़ भाषा के छात्र-छात्राओं और भाषा प्रेमियों ने संयुक्त रूप से एकजुट होकर बड़ा कदम उठाया है. राज्यपाल संतोष गंगवार से मिलकर प्रतिनिधिमंडल ने कुड़ुख़ भाषा के सिलेबस में हो रही भारी गड़बड़ी को तत्काल सुधारने की मांग की है. ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में सुशांत तिर्की, शिवशंकर उरांव (शोधार्थी सह टीम धुमकुड़िया कोऑर्डिनेटर), संतोष कच्छप, राधा कुमारी, नीमा कुमारी, अनिल उरांव और श्रीवाद उरांव समेत कई छात्र शामिल थे.
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को अवगत कराया कि कुड़ुख़ भाषा का सिलेबस न केवल अधूरा है, बल्कि इसमें कई गंभीर त्रुटियां भी हैं, जिससे छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि त्रुटियां ना सिर्फ कुड़ुख़ भाषा के विकास में बाधक है, बल्कि झारखंड की सांस्कृतिक पहचान और आदिवासी समाज की अस्मिता के लिए भी चुनौतीपूर्ण है. भाषा प्रेमियों का कहना है कि कुड़ुख़ जैसी समृद्ध और प्राचीन भाषा के साथ इस तरह की लापरवाही अस्वीकार्य है.
यदि समय रहते सिलेबस में सुधार नहीं हुआ तो यह आने वाली पीढ़ी के लिए नुकसानदायक साबित होगा. राज्यपाल संतोष गंगवार ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और आश्वस्त किया कि वे इस मामले को संबंधित विभाग के समक्ष रखकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देंगे.
इस मौके पर शिवशंकर उरांव ने कहा कि कुड़ुख़ भाषा हमारी आत्मा है. इसे गलत तरीके से पेश करना हमारी पहचान से खिलवाड़ है. इस मामले पर सरकार जल्द से जल्द सिलेबस की गड़बड़ियों को दूर करे और छात्रों को न्याय मिले.
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