Baharagora (Himangshu karan) : प्रखंड क्षेत्र में आस्था के महापर्व कार्तिक पूर्णिमा का उत्साह बुधवार को चरम पर रहा. रांगूनिया स्थित स्वर्णरेखा नदी घाट पर ब्रह्म मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं का विशाल सैलाब उमड़ पड़ा. लोग पवित्र स्नान, पूजा-अर्चना और दान-पुण्य कर अपनी आस्था का प्रदर्शन कर रहे थे.मोक्ष की कामना और कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान-दान के विशेष महत्व को देखते हुए हजारों लोग आज सुबह ही नदी घाट पर एकत्रित हुए
श्रद्धालुओं ने नदी के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपने पापों की शुद्धि और मोक्ष की कामना की. स्नान के उपरांत, नए वस्त्र धारण कर परंपरागत पूजा संपन्न की गई. इस दौरान घाट का पूरा वातावरण धार्मिक मंत्रों और जयकारों से गूंज उठा.इस उत्सव में ओड़िया समाज की सदियों पुरानी और अनूठी परंपरा का जीवंत प्रदर्शन देखने को मिला.
समुदाय के लोगों ने केले के पेड़ से बनी छोटी-छोटी नावों (बोइत) को पान, सुपारी, पैसे, अगरबत्ती और दीये से सजाया और उन्हें नदी की धारा में प्रवाहित किया. यह परंपरा प्राचीन काल में समुद्री व्यापार की याद दिलाती है और समृद्धि तथा कल्याण की कामना का प्रतीक है.
घरों के आगे सजी आकर्षक रंगोली ने भी त्योहार के माहौल को मनमोहक बना दिया.साथ ही ग्रामवासियों की सेवा भावना से महाप्रसाद का वितरण किया गया.इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में रांगूनिया ग्रामवासियों का सक्रिय सहयोग सराहनीय रहा. रेवती भुइयाँ, कमल भुइयां, मानस कुमार भुइयां, तापस कुमार भुइयां सहित अन्य ग्रामीणों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई.
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