Patna : बिहार की राजनीति में एक बार फिर बड़ा तूफान उठ खड़ा हुआ है. बीजेपी नेता और पूर्व केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने राज्य सरकार पर 62 हजार करोड़ रुपए के बिजली घोटाले का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि यह मामला राज्य के एक थर्मल पावर प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसमें बिजली विभाग के कई अधिकारी भी शामिल हैं.
आर.के. सिंह के मुताबिक, बिहार सरकार ने अडाणी समूह के साथ एक गलत बिजली खरीद समझौता (PPA) किया है, जिसके तहत 25 साल तक राज्य को 6 रुपए 75 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी होगी. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बाजार दर इससे कहीं कम है, जिससे राज्य की जनता पर भारी आर्थिक बोझ पड़ेगा.
पूर्व मंत्री ने दावा किया कि इस समझौते की प्रक्रिया में जमीन आवंटन और वित्तीय नियमों का भी उल्लंघन किया गया है. उन्होंने कहा कि यह राज्य की जनता के साथ सीधा धोखा है और इसकी CBI जांच कराई जानी चाहिए. आर.के. सिंह ने सरकार से इस बिजली खरीद समझौते को तत्काल रद्द करने और इसमें शामिल सभी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की भी मांग की है.
बता दें कि आर.के. सिंह (राज कुमार सिंह) मोदी सरकार में देश के ऊर्जा मंत्री रह चुके हैं. वे 2014 में पहली बार बिहार के आरा से बीजेपी सांसद चुने गए थे. सितंबर 2017 में उन्हें बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार मिला था. बाद में 2021 से 2024 तक वे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री (कैबिनेट मंत्री) रहे.
यानि आर.के. सिंह मोदी सरकार में बिजली क्षेत्र के सबसे अहम मंत्री रहे हैं. पूरे देश की बिजली नीति और पावर सेक्टर उनके ही अधीन था. ऐसे में जब आर.के. सिंह अडाणी पावर पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगा रहे हैं, तो उनका यह बयान राजनीतिक और प्रशासनिक दोनों दृष्टियों से काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि वे इस क्षेत्र की अंदरूनी व्यवस्था और कामकाज को भलीभांति जानते हैं.
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