Ranchi: अबुआ आवास योजना के तहत राज्य में अब तक 55000 मकान बन गए हैं. सबसे अधिक मकान पाकुड़ जिला में बने हैं. अबुआ आवास योजना में पाकुड़ जिला की उपलब्धि 53.89 प्रतिशत है, जबकि पश्चिम सिंहभूम जिला की उपलब्धि सबसे कम. पश्चिम सिंहभूम जिला में लक्ष्य के मुकाबले 16.29 प्रतिशत मकान बने हैं.
अबुआ आवास योजना नवंबर 2023 में शुरु की गई थी. थी. इस योजना के तहत सरकार ने दो लाख आवास बनाने का लक्ष्य रखा था. 12 महीने यानी अक्टूबर 2024 तक योजना को पूरा किया जाना था. लेकिन तय समय के बाद भी योजना के तहत लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 27.92 प्रतिशत घरों का ही निर्माण किया जा सका है. पहले चरण की उपलब्धि 27.92 प्रतिशत रहा है.
राज्य सरकार ने नवंबर 2023 में अबुआ आवास योजना की शुरूआत की थी. पहले चरण में दो लाख आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. लेकिन इस लक्ष्य के मुकाबले सिर्फ 55.76 हजार आवास का निर्माण कार्य पूरा किया जा सका है. शेष आवास का निर्माण कार्य जारी है. योजना के तहत दो लाख रुपये की लागत पर 31 वर्ग मीटर में तीन कमरों का मकान बनाना है. योजना का लाभ वैसे लोगों को देने की शर्त निर्धारित है जिन्हें सरकार द्वारा चलायी जा रही किसी भी आवास योजना का लाभ नहीं मिला हो. उनके पास चार पहिया, तीन पहिया वाहन नहीं हो और वे कच्चा मकान में रहते हों.
योजना की खास बातें
- पहले चरण में एक साल में दो लाख मकान बनाने का लक्ष्य.
- 1.99 लाख मकान बनाने की स्वीरकृति मिली.
- 55.76 हजार मकान बनाने का काम पूरा.
- 30 हजार रुपये की पहली किस्त 1.95 लाख को दी गयी.
- 50 हजार रुपये की दूसरी किस्त 1.75 लाख लोगों को दी गयी.
- एक लाख रुपये की तीसरी किस्त 1.25 लाख को दी गयी.
- 20 हजार रूपये की चौथी किस्त 19.13 हजार लोगों को दी गयी.
ग्रामीण विकास विभाग के आंकड़ो के अनुसार पहले चरण के लिए निर्धारित दो लाख के लक्ष्य के मुकाबले 1.99 लाख मकान बनाने की स्वीकृति दी गयी. वर्ष 2025 में समीक्षा के दौरान योजना की उपलब्धि 27.92 प्रतिशत पायी गयी. राजधानी रांची में 13.22 हजार आवास निर्माण के लक्ष्य के मुकाबले
अबुआ आवास योजना की स्थिति
जिला | लक्ष्य | पूर्ण | उपलब्धि |
पाकुड़ | 5549 | 3583 | 53.89% |
कोडरमा | 4591 | 2172 | 47.31% |
खूंटी | 3887 | 1763 | 45.36% |
रामगढ़ | 4236 | 1745 | 41.19% |
पूर्वी सिंहभूम | 8138 | 3340 | 41.04% |
सिमडेगा | 4443 | 1409 | 32.27% |
धनबाद | 8973 | 2641 | 29.43% |
बोकारो | 8608 | 2526 | 29.34% |
जामताड़ा | 5711 | 1667 | 29.19% |
लातेहार | 5389 | 1567 | 29.08% |
लोहरदगा | 3228 | 891 | 27.60% |
गुमला | 7663 | 2078 | 27.12% |
देवघर | 9847 | 2648 | 26.89% |
सरायकेला | 6437 | 1696 | 26.35% |
दुमका | 9827 | 2583 | 26.28% |
साहिबगंज | 7911 | 2017 | 25.50% |
गोड्डा | 9972 | 2526 | 25.33% |
रांची | 13226 | 3334 | 25.21% |
हजारीबाग | 11648 | 2803 | 24.06% |
गिरिडीह | 17860 | 4200 | 23.52% |
चतरा |
7820 | 1750 | 22.23% |
गढ़वा |
10003 |
2209 |
22.08% |
पलामू |
13681 |
2981 |
21.79% |
पश्चिम सिंहभूम |
10252 |
1636 |
16.26% |
सिर्फ 3.33 हजार आवास का निर्माण ही पूरा हो सका है. यानी राजधानी में योजना की उपलब्धि सिर्फ 25.21 प्रतिशत है. पाकुड़ के अलावा किसी भी जिले में योजना का लक्ष्य 50 प्रतिशत से अधिक पूरा नहीं हो सका है. राज्य के 14 जिलो में 16.29 प्रतिशत से 27.60 प्रतिशत मकान बनाने का काम पूरा हो सका है.