New Delhi : पश्चिम बंगाल के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी सुर्खियों में हैं. वे बहुत दिनों से खबरों से दूर थे. लेकिन आज मंगलवार को राजनीतिक गलियारों में उनकी चर्चा हो रही है.
#WATCH | Delhi | On his letter to PM Modi expressing concern over violence against migrant workers from West Bengal, Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury says, "All the state governments in our country should be sensitised to the plight of migrants. In Bengal, it has become a… pic.twitter.com/92gKKJVmkV
— ANI (@ANI) December 30, 2025
दरअसल आज उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सबको चौंका दिया. खबर है कि उन्होंने भाजपा शासित राज्यों में बंगाली भाषी लोगों पर हो रहे कथित हमलों का मुद्दा उठाया. अधीर रंजन ने साफ कहा कि बांग्लाभाषी होना बांग्लादेशी होना नहीं है
उन्होंने पीएम से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. कहा कि ऐसी घटनाएं पश्चिम बंगाल में साम्प्रदायिक तनाव और हिंसा को बढ़ावा देने वाली हैं.
श्री चौधरी ने पीएम को एक पत्र भी सौंपा. उसमें लिखा है कि बांग्ला बोलने वालों को कई शहरों में प्रशासन गलत तरीके से बांग्लादेशी घुसपैठिया समझता है. इस गलतफहमी के कारण बंगाली भाषी लोगों को परेशान किया जा रहा है.
पत्र में इस बात का जिक्र किया गया है कि पश्चिम बंगाल के कई मुस्लिम बहुल इलाकों की सीमा बांग्लादेश से लगती है. कुछ राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के खिलाफ हो रही कार्रवाई सीमावर्ती इलाकों में समुदायों के बीच तनाव का कारण बन रही है
अधीर रंजन चौधरी ने चिंता जताई कि समय रहते स्थिति को नहीं संभाला गया तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ सकती है. अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री से अपील की कि वे राज्य सरकारों को संवेदनशील बनने के लिए निर्देश दें, ताकि देश के विभिन्न हिस्सों के प्रवासी मजदूरों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव, हिंसा न हो.
अहम बात यह है कि पश्चिम बंगाल प्रवासी कल्याण बोर्ड का दावा है कि पिछले 10 माह में देश के विभिन्न हिस्सों से बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों के उत्पीड़न से जुड़ी 1,143 शिकायतें मिली हैं,. इनमें अधिकतर मामले भाजपा शासित राज्यों से जुड़े हुए हैं.
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