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आदित्यपुर : जिला प्रशासन कर रहा सीएनटी एक्ट का उल्लंघन, उद्योगपतियों को दे रही आदिवासियों की जमीन

Adityapur (Sanjeev Mehta)सरायकेला-खरसावां जिले में भी आदिवासी और पिछड़ों के साथ सरकारी जमीन की अवैध तरीके से खरीद-फरोख्त और घोटाले का बड़ा स्कैंडल जल्द ही सामने आ सकता है. इसकी पटकथा लिखी जाने की तैयारी चल रही है. इस बात का खुलासा करते हुए एक आरटीआई कार्यकर्ता प्रो. सुरेंद्र कुमार महतो ने लगातार सरकार को पत्र लिख रहे हैं. 14 सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और मुख्य सचिव के नाम लिखे पत्र में उन्होंने पूछा है कि आखिर जिले के बड़े उद्योगों मसलन आरकेएफएल, एस एम स्टील, क्रॉस मैन्युफैक्चरिंग और नरसिंह इस्पात सरीखी कंपनी को आखिर क्यों आदिवासियों और पिछड़ों की जमीन सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर खरीद-बिक्री करने में जिला प्रशासन सहयोग कर रहा है. इसे भी पढ़ें : चाकुलिया">https://lagatar.in/chakulia-the-statue-of-lord-birsa-is-surrounded-by-bushes-in-govindpur-deshua-jahergad/">चाकुलिया

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जिला प्रशासन प्रतिदिन निकाल रहा खरीद-बिक्री का विज्ञापन

[caption id="attachment_760167" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/09/Adityapur-Surendr-Mahato.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> आरटीआई कार्यकर्ता प्रो. सुरेंद्र कुमार महतो.[/caption] मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को दोबारा लिखे गए पत्र में प्रो. महतो ने इसे जमीन लूट की प्रायोजित साजिश बताया है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रतिदिन आदिवासियों और पिछड़ों की जमीन की खरीद-बिक्री का विज्ञापन निकाला जा रहा है. इसमें इनकी जमीन की खरीद-बिक्री को लेकर आपत्ति मांगी जा रही है. इस आरटीआई कार्यकर्ता प्रो. सुरेंद्र कुमार महतो ने विरोध करते हुए आपत्ति जता दी है. इस पर उन्हें बेनाम फोन कॉल्स से धमकी मिल रही है. उन्होंने बताया कि सरायकेला-खरसावां जिले के आदिवासियों और पिछड़ों की जमीन को लूटने की गहरी साजिश चल रही है. इसे भी पढ़ें : बोकारो">https://lagatar.in/cleanliness-fortnight-started-at-bokaro-steel-city-railway-station/">बोकारो

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आदिवासियों और पिछड़ों की लूटी जा रही है जमीन

अपने पत्र में प्रो. महतो ने बताया है कि किस तरह आदिवासियों और पिछड़ों की जमीन लूटी जा रही है. पत्र में एक मामले का जिक्र करते हुए कहा है कि दिनांक 26.8.23 एवं दिनांक 5.9.23 को सीएनटी एक्ट 1908 की धारा 46(a) एवम 46(b) के आलोक में जिला प्रशासन सरायकेला खरसावां द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार के आधार पर कुछ आदिवासियों एवं पिछड़े वर्ग की भूमि को दूसरे जिला एवं दूसरे थाना के व्यक्तियों/उद्यमियों के हाथों बिक्री का विरोध कर आपत्ति दर्ज की जा चुकी है. फिर भी प्रशासन ने मेरी शिकायतों पर अबतक शायद कोई ध्यान नहीं दिया है. इस तरह के मामले की पुनरावृति जिला प्रशासन द्वारा लगातार हो रही है. पुनः दिनांक 14.9.2023 के विभिन्न समाचार पत्रों में जिला प्रशासन सरायकेला खरसावां ने पिछड़े एवं आदिवासियों की भूमि दूसरे थाना के उद्योगपतियों के हाथों बिक्री करवाने हेतु नोटिस प्रकाशित करवाया है. जिसका पुनः मैंने विरोध किया है और अनुरोध करना चाहता हूं कि कृपया पिछड़े एवं आदिवासियों की भूमि को सीएनटी एक्ट 1908 की धारा 46(a) एवम 46(b) के विपरित दूसरे थाना के व्यक्तियों/उद्यमियों के हाथों बिक्री होने से बचाया जाये. इसे भी पढ़ें : राम">https://lagatar.in/cji-said-in-ram-jethmalani-memorial-lecture-appointment-process-of-judges-will-be-made-more-transparent/">राम

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आदिवासियों की भूमि लीज पर देने की प्रक्रिया लगातार जारी

बता दें कि अभी राज्य में तरह-तरह के भूमि घोटाले, खनन घोटाले, बालू खनन घोटाले का मामला चरमसीमा पर एवं ज्वलंत है. फिर भी सरायकेला खरसावां जिले में उद्योग धंधे स्थापित करने एवं खनन के नाम पर पिछड़े एवं आदिवासियों की भूमि को लीज देने की प्रक्रिया लगातार जारी है. इसमें दूसरे जिला/ दूसरे पुलिस थाना के उद्योगपतियों/अमीर एवम धनी व्यक्तियों द्वारा पैसे का लालच देकर झारखंड के सिर्फ पिछड़े एवं आदिवासियों की जमीन हड़पने एवं लूटने की प्रक्रिया धड़ल्ले से जारी है. क्यों नहीं अगड़े वर्गों की भूमि पर इनकी पैनी निगाह रहती है? जिला प्रशासन को ऐसे मामले को प्रोत्साहित न कर हतोत्साहित करना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इसे भी पढ़ें : झारखंड-ओडिशा">https://lagatar.in/gathering-of-27-rewarded-naxalites-on-jharkhand-odisha-border/">झारखंड-ओडिशा

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भूमि का नेचर बदल कर सकते हैं दुरुपयोग

ऐसे व्यक्ति/उद्योग लगाने वाले दूसरे थाने के व्यक्ति/उद्योगपति इन आदिवासियों एवं पिछड़े वर्गों द्वारा धारित भूमि क्रय कर भूमि का नेचर को बदलकर कर इसका पूर्णतः दुरुपयोग कर सकते हैं. अतः प्रो. महतो ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि आदिवासियों एवं पिछड़े के भूखंडों को सीएनटी एक्ट 1908 की धारा 46(a) एवं 46(b) के आलोक में दूसरे थाना के व्यक्तियो/उद्योगपतियों के हाथों बिक्री होने से शीघ्र रोकें. अन्यथा झारखंड के मूल पिछड़े एवं आदिवासियों का अस्तित्व लुप्त होता चला जाएगा. [wpse_comments_template]

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