Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर स्थित कोल्हान का एकमात्र कर्मचारी बीमा निगम अस्पताल (ईएसआईसी) के मेडिकल सुपरिटेंडेंट को छोड़ ईएसआईसी अस्पताल के सभी डॉक्टर्स और पारा मेडिकल स्टाफ का एक साथ स्थानांतरण कर दिया गया है. इस पर एमएस एमपी मिंज ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में अस्पताल संचालित करने में परेशानी आएगी. लेकिन श्रम मंत्रालय ने जो ट्रांसफर पॉलिसी बनाई है उसके तहत एक अस्पताल में सात साल बिता चुके डॉक्टर्स और पारा मेडिकल स्टाफ को अनिवार्य रूप से स्थानांतरित होना पड़ेगा. ऐसे में इस अस्पताल के 100 फीसदी डॉक्टर्स और पारा मेडिकल स्टाफ को दूसरे अस्पताल में योगदान देना पड़ेगा. वैसे भी हमें बगैर 100 बेड के स्ट्रैंथ दिए बिना 100 बेड का अस्पताल संचालित करने को दे दिया गया है. इसकी वजह से मैन पावर के अभाव में वे अब भी 50 बेड ही संचालित कर पा रहे हैं चूंकि उनके पास मैन पावर का घोर अभाव है.
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600 बेड की सुविधा देने की मांग
बता दें कि अस्पताल पर करीब आठ लाख इंस्योर्ड पर्सन का लोड भार है, यानी प्रति इंस्योर्ड पर्सन के साथ 5 सदस्य जो करीब 40 लाख व्यक्तियों के लिए यह अस्पताल संचालित हो रहा है जिनके लिए महज 50 बेड ऊंट के मुंह में जीरा के समान है. श्रम संगठनों द्वारा इस क्षेत्र के इंस्योर्ड पर्सन की संख्या को देखते हुए यहां 600 बेड की सुविधा की मांग की जा रही है.
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ईएसआईसी कार्ड से आधार लिंक जरूरी अन्यथा नहीं मिलेगी रेफरल की सुविधा
ने बताया कि मंत्रालय से उन्हें जो गाइड लाइन मिली है उसके अनुसार अब ईएसआईसी कार्ड धारकों को अपने कार्ड से आधार लिंक कराना जरूरी किया गया है. अन्यथा बीमित पर्सन को अब रेफरल की सुविधा नहीं मिलेगी. बता दें कि ईएसआईसी आदित्यपुर अस्पताल का सेकेंडरी रेफरल 2020 से ही बंद है, वर्तमान में केवल सुपर स्पेशिलिटी (गंभीर बीमारियों) के इलाज के लिए ही रेफरल की सुविधा बीमितो की दी जा रही है. एमएस ने बताया कि कार्ड का आधार लिंक कराने के लिए उन्होंने एक विशेष काउंटर अस्पताल में बनाया है जो बीमितो को जागरूक करेंगे और उन्हें अपने संस्थान के माध्यम से कार्ड को आधार से लिंक कराने को प्रोत्साहित करेंगे.
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