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किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य चुनौती:  मानसिक स्वास्थ्य पर बढ़ती चिंता

  • झारखंड में 11 फीसदी किशोर मानसिक रोग से ग्रसित

Ranchi :  झारखंड में किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं एक बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं. यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में 11% किशोर मानसिक रोग से ग्रसित हैं. इस समस्या का मुख्य कारण मादक द्रव्यों का सेवन और मनोविकृति है.

 

मानसिक बीमारी पर लगाम लगाने के लिए हो पॉलिसीः यूनिसेफ


यूनिसेफ ने झारखंड विधानसभा परिसर में एक कार्यशाला आयोजित की, जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं ने भाग लिया. इस कार्यशाला का उद्देश्य किशोरों में बढ़ रही मानसिक बीमारी पर लगाम लगाने के लिए पॉलिसी बनाने का आग्रह करना था.

 

किशोरों में मानसिक परिवर्तन को लेकर सावधान रहने की जरूरतः स्पीकर


स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने यूनिसेफ की सराहना करते हुए कहा कि किशोरों में मानसिक परिवर्तन को लेकर बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि सरकार यूनिसेफ को हरसंभव मदद देगी और 40 हजार सहिया बहनों की सहायता भी प्रदान करेगी.

 

किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं


किशोरावस्था में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं एक आम बात है, लेकिन इसका समाधान संभव है. किशोरों को अक्सर शैक्षणिक तनाव, सामाजिक-आर्थिक कठिनाइयों, हिंसा और स्कूलों एवं समुदायों में मनो-सामाजिक समर्थन की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. मानसिक स्वास्थ्य के आसपास फैली व्यापक भ्रांतियां इन चुनौतियों को और गहरा कर देती हैं.

 

समाधान की दिशा में कदम


यूनिसेफ की प्रमुख कनीनिका मित्रा ने कहा कि किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की रोकथाम आवश्यक है. इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने और सरकार का सहयोग करना आवश्यक है. सरकार और यूनिसेफ के संयुक्त प्रयास से किशोरों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान संभव है.

 

 

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