इसे भी पढ़ें-कोरोना">https://lagatar.in/corona-effect-rims-opd-will-be-closed-in-the-second-shift-only-40-patients-will-get-counseling/">कोरोनाअद्भुत! AFC Women`s Asia Cup में महिला @IndianFootball">https://twitter.com/IndianFootball?ref_src=twsrc%5Etfw">@IndianFootball
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का हिस्सा बनने के लिए बेटी सुमति को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। सुमति U-17 की उन 7 संभावित राज्य की बेटियों में से एक थी जिन्हें 2020 में विशेष कैम्प के जरिये पौष्टिक आहार और ट्रेनिंग दी गयी थी। आप यूँ ही आगे बढ़ते रहें! https://t.co/wYVoWHeqF0">https://t.co/wYVoWHeqF0">https://t.co/wYVoWHeqF0
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— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) January">https://twitter.com/HemantSorenJMM/status/1480882427966812161?ref_src=twsrc%5Etfw">January
11, 2022
इफेक्ट : दूसरी पाली में बंद रहेगी रिम्स ओपीडी, मात्र 40 मरीज को मिलेगा परामर्श
उग्रवाद प्रभावित गुमला के लोंडरा गांव की रहनेवाली हैं सुमति
बता दें कि झारखंड के उग्रवाद प्रभावित और पिछड़े जिला गुमला के लोंडरा गांव की रहनेवाली सुमति काफी गरीब परिवार की है. अपने सिर्फ साढ़े चार साल के छोटे से करियर में अपने खेल से उसने सभी को प्रभावित किया है. सुमति ने स्ट्राइकर के रूप में 2016 से खेलना शुरू किया था.2019 में सबसे कठिन पल से गुजरी सुमति, फिर भी सैफ अंडर -15 का खिताब देश को दिलाया
झारखंड फुटबॉल एसोसिएशन के सहयोग से सुमति कुमारी का 2019 में आयोजित सैफ अंडर-15 भारतीय टीम में भी हुआ था. लेकिन महिला खिलाड़ी की जिंदगी में सबसे कठिन पल इसी दौरान आया. भूटान में होनेवाले सैफ अंडर-15 महिला टीम के कैंप में जब वह तैयारी कर रही थी, तो इसी दौरान सुमति की मां का निधन हो गया. खबर सुनने के बाद भी सुमति अपने दृढ़ संकल्प से नहीं डगमगाईं. वह टीम के साथ भूटान रवाना हुई और वहां न केवल बेहतर प्रदर्शन किया, बल्कि टीम को भी चैंपियन बनाया. इसे भी पढ़ें-कुचाई">https://lagatar.in/precaution-dose-of-kovid-19-given-to-38-frontline-workers-and-senior-citizens-in-kuchai-and-kharsawan/">कुचाईव खरसावां में दिया गया 38 फ्रंटलाइन वर्कर व सीनियर सिटीजन को कोविड-19 का प्रीकॉशन डोज [wpse_comments_template]