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एडहॉक कमिटी के गठन बाद बार एसोसिएशन चुनाव की तैयारी, बनते और बिगड़ते दिखेंगे कई समीकरण

Vinit Upadhyay Ranchi: रांची जिला बार एसोसिएशन में एडहॉक कमिटी के गठन के बाद चुनावी सरगर्मी तेज हो गयी है. आरडीबीए की वर्तमान कमिटी का कार्यकाल पूरा होने के बाद काउंसिल ने अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष की तीन सदस्यीय कमिटी का गठन कर दिया है. जो रोजमर्रा के कार्यों का संचालन और निष्पादन करेगी. उम्मीद की जा रही है कि एडहॉक कमिटी के गठन के बाद काउंसिल का अगला निर्णय जिला बार एसोसिएशन का चुनाव कराने की दिशा में होगा. क्योंकि एडहॉक कमिटी के भरोसे रांची जिला बार एसोसिएशन से जुड़े लगभग 4000 वकीलों को ज्यादा समय के लिए छोड़ना बार और इससे जुड़े वकीलों के लिए भी ज्यादा फायदेमंद नहीं होगा. इसे भी पढ़ें - रूपा">https://lagatar.in/mla-deepikas-outspoken-words-on-roopa-tirkey-case-pankaj-mishra/85159/">रूपा

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आम सभा से तीन सदस्यों का नाम काउंसिल को भेजना होगा

जानकारी के मुताबिक, चुनाव की तैयारियां भी शुरू करने की दिशा में कदम उठाया जायेगा. चुनाव संपन्न कराने के लिए वोटर लिस्ट फाइनल कर भेजने समेत प्रक्रिया के संचालन के लिए आम सभा से तीन सदस्यों का नाम काउंसिल को भेजना होगा. इन नामों पर सहमति बनने के बाद काउंसिल चुनाव से सबंधित पूरी प्रक्रिया की जिम्मेदारी आम सभा की ओर से चुने गए लोगों को देगी. इस वर्ष होने वाला बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने की उम्मीद की जा रही है. क्योंकि रांची जिला बार एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष और 7 बार रांची के वकीलों का प्रतिनिधित्व कर चुके रांची सिविल कोर्ट के वरीय अधिवक्ता शम्भू अग्रवाल के खिलाफ अनिल पराशर चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा सकते हैं. महासचिव के पद पर काबिज कुंदन प्रकाशन के सामने अपनी कुर्सी बचाने की चुनौती होगी और पूर्व महासचिव व स्टेट बार काउंसिल के सदस्य संजय विद्रोही के बीच सीधी टक्कर होना तय माना जा रहा है. इसे भी पढ़ें -  बिजली">https://lagatar.in/corporation-failed-to-generate-electricity-bill-now-company-is-searching-for-recovery/85127/">बिजली

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जैसे ही चुनाव की घोषणा होगी, कई समीकरण बनेंगे और टूटेंगे भी

सिविल कोर्ट के वकीलों के बीच  इस बार की चर्चा भी जोरों पर है कि कोषाध्यक्ष अमर कुमार भी महासचिव पद के लिए ताल ठोकते हुए नजर आ सकते हैं. प्रशासनिक  सचिव के पद पर काबिज पवन खत्री को अभिषेक कुमार भारती, भारत चंद्र महतो और प्रदीप चौरसिया से टक्कर मिल सकती है. लेकिन इन सभी कयासों के बीच चुनावी बिगुल बजने का इंतजार सभी अधिवक्ताओं को है. जैसे ही चुनाव की घोषणा होगी, कई समीकरण बनेंगे और टूटेंगे भी. [wpse_comments_template]

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