Chatra: स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी की सख्ती के बाद चतरा जिले के सिविल सर्जन कार्यालय में कार्यरत एक बड़ा बाबू को निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई मरीजों की फाइलें लंबे समय तक रोककर रखने और कार्य में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में की गई है.
सिविल सर्जन डॉ. जगदीश प्रसाद ने मुख्य सहायक भानू ज्योति को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. भानू ज्योति लंबे समय से सिविल सर्जन कार्यालय में मुख्य सहायक के पद पर कार्यरत थे और उनके जिम्मे मुख्यमंत्री बीमारी सहायता निधि CMBNN व PCPNDT जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं की फाइलें थीं.
जानकारी के अनुसार, भानू ज्योति ने एक दर्जन से अधिक गंभीर मरीजों की फाइलें अनावश्यक रूप से रोक रखी थीं. मुख्यमंत्री बीमारी सहायता निधि के तहत गरीब और गंभीर मरीजों को सरकार इलाज के लिए पांच लाख रुपये तक की सहायता राशि अस्पताल के खाते में भेजती है. सिविल सर्जन के बार-बार निर्देश के बावजूद भानू ज्योति इन फाइलों का निपटारा नहीं कर रहे थे.
इस मामले की शिकायतें सीधे स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी तक पहुंचीं. कुछ दिन पहले मंत्री ने एक मरीज की शिकायत पर सिविल सर्जन को फोन कर फाइलें लटकाने के मामले में फटकार लगाई थी. इसके बाद कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, लेकिन जवाब असंतोषजनक पाया गया.
लापरवाही साबित होने पर डॉ. जगदीश प्रसाद ने भानू ज्योति को निलंबित करते हुए उनका पदस्थापन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टंडवा में कर दिया है. निलंबन अवधि में उन्हें नियमों के अनुसार भरण-पोषण भत्ता दिया जाएगा.
इस कार्रवाई पर मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि मरीजों की फाइलें रोककर उन्हें परेशान करने वाले किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार का सिस्टम जनता की मदद के लिए है, न कि उन्हें परेशान करने के लिए.
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