Search

कृषि मंत्री का अधिकारियों को निर्देश, 200 किसानों के जीवन में व्यक्तिगत प्रयास से लाएं बदलाव

Ranchi: कृषि मंत्री शिल्पा नेहा तिर्की ने कहा कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि राज्य के 200 किसानों के जीवन में बदलाव लाने का प्रयास करें. अधिकारियों के व्यक्तिगत प्रयास से किसानों के जीवन में आने वाले बदलाव से संबंधित सूची भी तैयार की जाएगी.  वे मंगलवार को बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय रबी कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहीं थीं. उन्होंने इस दौरान रबी फसल से संबंधित जानकारी को हर किसान तक पहुंचाने और अधिक पैदावार की दिशा में कदम बढ़ाने पर जोर दिया. 


अतिवृष्टि से 40 फीसदी तक हो सकता है नुकसान


कार्यक्रम के दौरान में कृषि वैज्ञानिकों ने बदलते हुए मौसम के साथ कृषि के क्षेत्र में बदलाव और रबी फसल से हुए नुकसान की भरपाई की जानकारी दी. मंत्री ने कहा कि इस बार अतिवृष्टि से किसानों का नुकसान 25 से 30 प्रतिशत तक दिख रहा है, जो संभवतः बढ़कर 40 प्रतिशत तक भी पहुंच सकता है. ऐसे में अधिकारियों को किसानों के प्रति संवेदनशीलता दिखानी होगी.

 

विभाग के अधिकारी सामंजस्य बनाकर करें काम


मंत्री ने कहा कि विभाग के अंदर अधिकारियों के आपसी सामंजस्य से किसानों की परेशानियों को कम किया जा सकता है. बिरसा फसल बीमा से आच्छादित किसानों को मुआवजा राशि दिलाने से लेकर फसल बीमा का लाभ नहीं लेने वाले किसानों को आपदा प्रबंधन से मुआवजा दिलाने में अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है. 


 
फसल नुकसान की रिर्पोट जल्द दें


फसल नुकसान की रिपोर्ट अंचल से जिला मुख्यालय तक जल्द से जल्द पहुंचे इसके लिए अधिकारी तत्परता दिखाए आज फसल का नुकसान उठाने वाले किसानों के सामने शून्यता है. कैसे परिवार चलेगा, बच्चों का क्या होगा, क्या खायेंगे? ऐसे अनगिनत सवाल आज उनके सामने है. ऐसे किसान परिवारों के लिए अधिकारियों को आगे बढ़ कर पहल करने की जरूरत है.

 

केसीसी के लाभुकों की संख्या बढ़ाने की जरूरत


 राज्य में केसीसी के लाभुकों की संख्या बढ़ाने के लिए भी अधिकारियों को विशेष पहल करने की आवश्यकता है, विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीखी ने कहा कि रबी फसल की बात हो या खरीफ फसल की  किसानों के लिए निश्चित कैलेंडर होना जरूरी है. इससे हर काम सही समय पर हो सकता है.
कब क्या करना है ये पहले से तय होना चाहिए. कृषि को लेकर जो संसाधन उपलब्ध है, उसका बेहतर इस्तेमाल होना चाहिए. मिट्टी जांच के साथ फसल का चयन बहुत जरूरी है. किस जमीन पर कौन सी फसल हो सकती है, ये जानकारी हो तो किसानों को फायदा होगा.

 

इस बार धान की फसल को भारी नुकसान


बीएयू के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा कि रबी फसल के क्षेत्र में किसानों को जागरूक एवं एकजुट करने में इस कर्म शाला की महत्वपूर्ण भूमिका है. इस बार धान की फसल को भारी बारिश की वजह से नुकसान हुआ है. 

मौसम की मार को समझने और किसानों को इस मुसीबत से निकालने का प्रयास करना होगा. अतिवृष्टि का फायदा रबी फसल के माध्यम से उठाया जा सकता है. खेत में नमी का फायदा रबी फसल को होगा. इस मौके पर कृषि विभाग के द्वारा तैयार पुस्तक का विमोचन भी किया गया. राज्य स्तरीय कर्मशाला में निदेशक जीशान कमर, निबंधक शशि रंजन, निदेशक माधवी मिश्रा, विशेष सचिव प्रदीप हजारी, संजय शांडिल्य, एस के अग्रवाल के साथ किसान वैज्ञानिक, कृषि पदाधिकारी मौजूद रहे.

Lagatar Media की यह खबर आपको कैसी लगी. नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय साझा करें.

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp