Bengaluru : वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने आज यहां ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि बालाकोट(एयर स्ट्राइक) में हम अंदर से कुछ भी हासिल नहीं कर सके. दुर्भाग्यवश अपने ही लोगों को यह बताना एक बड़ा मुद्दा बन गया कि हम क्या हासिल कर पाये हैं. हमारे पास अंदर क्या हुआ था, इसकी खुफिया जानकारी थी.
#WATCH | Bengaluru | "People got down to their egos in the war... Once we achieved our objective, we should have looked for all windows of opportunity to stop... Some people very close to me said, 'Aur maarna tha'. But can we continue to be at war?... The nation has taken a good… pic.twitter.com/HHzwombn1P
— ANI (@ANI) August 9, 2025
#WATCH | Bengaluru, Karnataka | Speaking on Operation Sindoor, Chief of the Air Staff, Air Chief Marshal AP Singh says, "...In Balakot, we could not get anything from inside, and it became a big issue trying to tell our own people, unfortunately, as to what we have been able to… pic.twitter.com/S7fJeqnBuZ
— ANI (@ANI) August 9, 2025
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि हमारे पास मानवीय खुफिया जानकारी थी जिससे हमें अंदर की बहुत स्पष्ट तस्वीर मिलती थी कि वहां(पाकिस्तान भारी नुकसान हुआ है. बहुत सारे आतंकवादी मारे गएये लेकिन हम अपने ही लोगों को यह विश्वास नहीं दिला सके थे कि देखो, हमने वह हासिल कर लिया है.
वायुसेना प्रमुख एयर ने कहा इसलिए मुझे बहुत खुशी है कि इस बार(ऑपरेशन सिंदूर) हम बालाकोट के उस भूत से निपटने में सक्षम थे और हम दुनिया को यह बताने में सक्षम थे कि हमने क्या हासिल किया है. वायुसेना प्रमुख ने ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इस युद्ध में लोग अपने अहंकार पर उतर आये.
मेरे कुछ करीबी लोगों ने कहा कि और मारना था. लेकिन एक बार जब हम अपना उद्देश्य हासिल कर लेते हैं, तो हमें इसे रोकने के सभी अवसर तलाशने चाहिए. क्या हम युद्ध जारी रख सकते हैं?. देश ने एक अच्छा फैसला लिया है.
सफलता का मुख्य कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना था.
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि सफलता का मुख्य कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति का होना था. हमें बहुत स्पष्ट निर्देश दिये गये थे. हम पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाये गये थे... अगर कोई बाधाएं थीं, तो वे स्व-निर्मित थीं. हमने तय किया कि कितना आगे बढ़ना है..हमें योजना बनाने और उसे लागू करने की पूरी आज़ादी थी.
हमारे हमले सोच-समझकर किये गये थे क्योंकि हम इसके बारे में परिपक्व होना चाहते थे. तीनों सेनाओं के बीच एक समन्वय था. सीडीएस के पद ने वास्तव में एक बड़ा बदलाव लाया. वह हमें एकजुट करने के लिए मौजूद थे एनएसए ने भी सभी एजेंसियों को एक साथ लाने में बड़ी भूमिका निभाई.
 
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