New Delhi : दिवाली (सोमवार) की रात दिल्ली-NCR, हरियाणा, राजस्थान आदि राज्यों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंच गया. लोगों ने जम कर पटाखे फोड़े. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को धता बताते हुए दिवाली पर रातभर जमकर लोगों ने आतिशबाजी की.
PTI PHOTOS | Delhi residents woke up on October 21 to a thick grey haze shrouding the city skies, reduced visibility and air quality in the ‘red zone’ after many celebrated Diwali a day earlier by bursting firecrackers beyond the two-hour limit set by the Supreme Court. pic.twitter.com/qAxwlU9x7T
— Press Trust of India (@PTI_News) October 21, 2025
#WATCH | Delhi Minister Manjinder Singh Sirsa says, "In 2020, the firecrackers in Diwali were going on. At that time, PM 2.5 was 414 before Diwali and 435 after Diwali. There was an increase of 21 points in the firecrackers. In 2021, there was an increase of 80 points. In 2024,… pic.twitter.com/CHm0XkDlAW
— ANI (@ANI) October 21, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में दिवाली पर रात 8 बजे से 10 बजे तक ही ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति दी थी, लेकिन लोग देर रात तक पटाखे फोड़ते रहे. इसका नतीजा यह निकला कि आज मंगलवार सुबह दिल्ली-NCR में धुंध में लिपटी नजर आयी. एयर क्वालिटी खतरनाक स्तर को पार कर गयी.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली के अक्षरधाम, आईटीओ, एम्स का AQI 300 के ऊपर (सुबह 8 बजे) दर्ज किया गया. 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशनों पर प्रदूषण का स्तर रेड जोन में दर्ज हुआ. जान लें कि 200 से ऊपर AQI खराब कैटेगरी में आता है.
जानकारी सामने आयी कि सोमवार रात 10 बजे तक AQI 344 पार कर गया था. द्वारका में AQI 417, अशोक विहार में 404, वजीरपुर में 423 और आनंद विहार में AQI 404 पर रहा था. हरियाणा की बात करें तो सोमवार रात 12 तक राज्य के 15 जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खतरनाक स्तर (500) को छू रहा था.
हालांकि मंगलवार सुबह रोहतक में AQI 320, नारनौल में 311, बहादुरगढ़ में 306 दर्ज किया गया है. राजस्थान में आज मंगलवार सुबह 8 बजे तक AQI 243 दर्ज किया गया भिवाड़ी में सर्वाधिक AQI 318 रिकॉर्ड किया गया.
विशेषज्ञों ने इस स्तर का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक करार दिया है. कहा है कि इससे सांस संबंधी दिक्कतों, आंखों में जलन, सिरदर्द और हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है. उन्होंने बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है.
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