Ranchi: ओडिशा के बालासोर और नोएडा स्थित शारदा यूनिवर्सिटी में हाल ही में हुई कथित संस्थागत हत्या (Institutional Murder) की घटनाओं के विरोध में सोमवार को ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने रांची स्थित वीर शहीद बुधु भगत विश्वविद्यालय (पूर्व में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय) के मुख्य द्वार पर जोरदार प्रदर्शन किया.
प्रदर्शन के दौरान आइसा प्रतिनिधियों ने कक्षाओं का दौरा कर छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित किया और लिंग-संवेदीकरण और यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर विषयों पर खुलकर चर्चा की. इस संवाद के क्रम में यह बात सामने आई कि झारखंड के अधिकांश विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में अब तक स्वतंत्र और प्रभावी GSCASH (Gender Sensitization Committee Against Sexual Harassment) का गठन नहीं हुआ है. 
छात्र-छात्राएं लंबे समय से एक ऐसी समिति की मांग कर रहे हैं, जो निष्पक्ष और प्रभावी रूप से कार्य करे तथा जिसमें विद्यार्थी निर्भय होकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकें.
आइसा नेताओं ने बताया कि वर्तमान व्यवस्था में यौन उत्पीड़न की शिकायतों को लेकर विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही का अभाव है. प्रशासनिक दबाव और सत्ता-प्रभाव के चलते शिकायतों का निष्पक्ष समाधान नहीं हो पाता, जिससे पीड़ित छात्राओं में निराशा और असुरक्षा का भाव पैदा होता है.
आइसा ने जोर देते हुए कहा कि छात्रों की मांग है कि GSCASH जैसी समिति पूरी तरह स्वायत्त हो और उसमें छात्रों, शिक्षकों एवं स्वतंत्र विशेषज्ञों की समान भागीदारी सुनिश्चित की जाए. 
संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा इस मांग की अनदेखी की गई, तो जल्द ही राज्यव्यापी छात्र आंदोलन शुरू किया जाएगा.
प्रदर्शन के माध्यम से आइसा ने यह संदेश देने का प्रयास किया कि विश्वविद्यालय परिसर को छात्रों के लिए सुरक्षित, समानतामूलक और न्यायसंगत बनाया जाना आवश्यक है, ताकि सभी विद्यार्थियों को सम्मानपूर्वक शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिल सके.
                
                                        

                                        
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