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गजबे पॉलिटिक्स है आजसू का, OBC का भी चाहिए आरक्षण, कुड़मी को ST का दर्जा देने के लिए भी आंदोलन

Ranchi : झारखंड के राजनीतिक दल आजसू की पॉलिटिक्स भी अजबे है. पार्टी दोनों दोनों हाथों में लड्डू रखने की इच्छा रखती है. एक तरफ राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनाव में पार्टी ओबीसी आरक्षण की मांग करती है. तो दूसरी तरण कुड़मी को एसटी का दर्जा दिलाने के लिए आंदोलन. यही नहीं नगर निकाय चुनाव के लिए पार्टी के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी सुप्रीम कोर्ट की चौखट तक पहुंच जाते हैं.

 

याचिका भी दायर की जाती है. लेकिन यह याचिका खारिज हो जाती है. दरअसरल रेल टेका करने वाले सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल कर मुखिया पद को ओबीसी के लिए आरक्षित करने की मांग की गई थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

 

रेल टेका में लगाया था जोर

सुप्रीम कोर्ट से ओबीसी आरक्षण की याचिका खारिज होने के बाद पार्टी ने कुड़मी आंदोलन में कूदना मुनासिब समझा. ताकत भी झोंकी. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो, पार्टी के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी और पूर्व विधायक लंबोदर महतो, मूरी, जलेशवर रेलवे स्टेशन में अपनी ताकत भी दिखाई. अब सब तरफ से पस्त होने के के बाद पार्टी कुड़मी आंदोलन को धार देने में लगी है. पार्टी के ऐसे स्टैंड से जनता भी हैरान परेशान है. 
 

अब क्या है आजसू का स्टैंड

आजसू पार्टी का अब आरोप है कि झामुमो-कांग्रेस ओबीसी आरक्षण में धोखाधड़ी करने की साजिश कर रहे हैं. पार्टी ने आरोप लगाया है कि 'ट्रिपल टेस्ट' को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि डोर-टू-डोर सर्वे नहीं किया गया है और राज्य सरकार पारदर्शिता और निष्पक्षता का पालन नहीं कर रही है.

 

आजसू ने सरकार से मांग की है कि ट्रिपल टेस्ट की रिपोर्ट सार्वजनिक करने से पहले इसकी प्रक्रिया की पूरी जानकारी जनता को उपलब्ध कराई जाए. आजसू ने यह भी आरोप लगाया है कि जमीनी स्तर पर कोई सर्वे नहीं हुआ है और राज्य सरकार बंद कमरे में रिपोर्ट तैयार करवा रही है ताकि पिछड़ों का हक छीना जा सके. आजसू के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत का कहना है कि नगर निकाय चुनाव को लेकर ट्रिपल टेस्ट कराना है. अगला नगर निकाय चुनाव इसी के आधार पर होना है.

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