Ranchi : अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ रांची इकाई के आह्वान पर जिला शिक्षा अधीक्षक (डीएसई) बादल राज के खिलाफ उनके तानाशाही रवैये, मानसिक प्रताड़ना और शोषण के विरोध में 20 सितंबर को एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया जाएगा. यह धरना आंदोलन उनके कार्यशैली के खिलाफ आंदोलन के तीसरे चरण का हिस्सा है.
संघ ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों में प्राथमिक और मध्य विद्यालय के शिक्षक जनसंपर्क अभियान तेजी से चलाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक शिक्षक धरना प्रदर्शन में भाग ले सकें.
संघ के प्रखंड कमिटी सदस्य डोर-टू-डोर जाकर शिक्षकों को प्रदर्शन में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. शिक्षक डीएसई बादल राज के नियमों का उल्लंघन और तानाशाही रवैये के खिलाफ एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
मालूम हो कि डीएसई बादल राज ने शिक्षकों के वार्षिक वेतन वृद्धि को लेकर हिंदी टिप्पण एवं प्रारूपण परीक्षा में प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी से शपथ पत्र जमा करने का निर्देश दिया था. इसके विरोध में शिक्षकों ने पहले आदेश की प्रति जलाकर प्रदर्शन किया था और बाद में काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया.
हिंदी टिप्पण पास करने के मुद्दे को आधार बनाकर जुलाई से लगभग तीन हजार शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी गई है. इसके बाद जारी आदेश में शपथ पत्र की मांग ने शिक्षकों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया.
संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने डीएसई के आदेश को अव्यवहारिक बताया और कहा कि यह शिक्षकों को मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने वाला है. उन्होंने बताया कि झारखंड के 23 जिलों में जुलाई से वार्षिक वेतन वृद्धि दे दी गई जबकि राजधानी रांची में करीब तीन हजार शिक्षक इससे वंचित हैं. इस मामले की जानकारी सचिव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग और निदेशक प्राथमिक शिक्षा को भी दी गई है.
धरना प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए बिजेंद्र चौबे, राकेश कुमार, अनूप केशरी, सलीम सहाय, अजय ज्ञानी, संतोष कुमार, सतीश बड़ाइक, विमलेश कुमारा मिश्रा, जुबैर आलम सहित अनेक शिक्षक सक्रिय रूप से कार्यरत हैं.
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