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ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर में हेराफेरी का आरोप

Ranchi : झारखंड के लाल और घासी नायक युवा कल्याण संगठन के झारखंड प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष ने ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल रांची के चीफ इंजीनियर पर टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए है.

 

उन्होंने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2024–25 में जारी बड़े टेंडरों में हेराफेरी की गई है. टेंडर प्रक्रिया में जहां 10–10 ठेकेदारों ने भाग लिया, वहीं केवल दो लोगों को ही क्वालिफाई किया गया. सवाल उठता है कि बाकी प्रतिभागियों को क्यों बाहर किया गया और जिन दो लोगों को क्वालिफाई किया गया उनका टर्नओवर भी संदिग्ध है.

 

कार्यकारी अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि नियमों की अनदेखी करते हुए टेंडर उन्हीं ठेकेदारों को दिया जा रहा है, जिनसे रिश्वत ली गई है. उन्होंने कहा कि रांची, सिमडेगा और खूंटी जिलों में ऐसे कई मामलों की जांच जरूरी है.

 

उन्होंने यह भी बताया कि कुछ संवेदकों को एक वित्त वर्ष में क्वालिफाई किया जाता है, जबकि अगले वर्ष नए लोगों को शामिल किया जाता है. यह भी अनियमितता को दर्शाता है.

 

कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि चीफ इंजीनियर और कुछ अधीनस्थ इंजीनियरों की मिलीभगत से टेंडरों का निष्पादन हो रहा है. झारखंड में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है ऐसे में राज्य कैसे प्रगति करेगा?

 

उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों व ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि बिना उचित जांच और UDI सत्यापन के किसी संवेदक को टेंडर देना सीधा भ्रष्टाचार है.

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