Patna : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए ने चंपारण की जमीन पर अपनी सियासी पकड़ मजबूत करने की रणनीति बना ली है. पश्चिम चंपारण इन दिनों राष्ट्रीय और प्रांतीय नेताओं की सक्रियता का गवाह बन रहा है.
दरअसल, 23 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां कई विकास योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन कर जनता को सौगात दी थी. अब 26 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता अमित शाह बेतिया आने वाले हैं.
अमित शाह जिले में कुमारबाग स्थित गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के ऑडिटोरियम में सारण-चंपारण प्रमंडल के 10 जिलों के भाजपा कार्यकर्ताओं संग बैठक करने आ रहे हैं.
दोनों बड़े नेताओं का कुछ ही दिनों के अंतराल में चंपारण दौरा राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. अमित शाह संगठनात्मक स्तर पर कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देने और चुनावी रणनीति को धार देने की कोशिश कर सकते हैं.
अमित शाह के कार्यक्रम की तैयारियां जोर-शोर से पूरी कर ली गई हैं. जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतजाम किए हैं. बेतिया एसपी डॉ शौर्य सुमन ने खुद स्थल का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए. चर्चा है कि अमित शाह की इस बैठक में बूथ स्तर तक की चुनावी तैयारियों पर बातचीत की जायेगी और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरने का प्रयास किया जाएगा.
राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो, चंपारण की राजनीतिक अहमियत ऐतिहासिक रूप से भी बड़ी रही है. यहां की सीटें प्रदेश की सत्ता समीकरण तय करने में हमेशा से निर्णायक रही हैं.
यही वजह है कि एनडीए अपने बड़े चेहरों की मौजूदगी से कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश जगाने की कोशिश कर रही है. बीजेपी पहले ही कह चुकी है कि उसका फोकस बूथ स्तर की मजबूती पर है, जबकि जदयू विकास कार्यों के जरिए जनता का समर्थन हासिल करना चाहती है.
सीएम नीतीश कुमार और अमित शाह के प्रयास को एनडीए के चुनावी अभियान की मजबूत शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है. यह संदेश भी जा रहा है कि भाजपा और जदयू एकजुट होकर मैदान में उतरेंगे और कार्यकर्ताओं से लेकर नेताओं तक, सभी को सक्रिय भूमिका निभानी होगी.



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