Araria: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने टिकट बांटने का काम फाइनल कर दिया है. टिकट बंटवारे को लेकर सियासत गरमा गई है.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संयोजक अजय झा ने नरपतगंज विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर आत्मदाह का प्रयास किया. हालांकि परिजनों और समर्थकों ने समय रहते उन्हें रोक लिया, जिससे बड़ा हादसा टल गया.
अजय झा ने मीडिया से बात करते हुए कफन ओढ़कर अपना आक्रोश जाहीर किया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उनके साथ अन्याय किया है. झा के मुताबिक, उन्होंने 1985 में यूथ कांग्रेस से राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, लेकिन पिछले 25 वर्षों से भाजपा में रहकर तन-मन-धन से पार्टी के लिए काम किया.
उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के कई शीर्ष नेताओं- मंत्री मंगल पांडे, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि अगले विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिलेगा.
झा ने कहा कि जब चुनाव नजदीक आया तो भरोसे की जगह धोखा मिला. मुझसे कहा गया कि जोकीहाट से टिकट मिलेगा, लेकिन वहां भी उम्मीदवार बदल दिया गया. पार्टी ने जातीय समीकरणों के नाम पर मेहनत करने वालों को नजरअंदाज कर दिया. उन्होंने कहा कि अब मैंने कफन ओढ़ लिया है. कभी भी कुछ भी कर सकता हूं.
उनकी पत्नी संजू झा ने भी पार्टी नेतृत्व पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि उनके पति ने भाजपा के लिए दिन-रात मेहनत की, लेकिन हर बार नजरअंदाज कर दिया गया. अगर नरपतगंज यादवों की और फारबिसगंज बनियों की सीट है तो पार्टी को बोर्ड लगा देना चाहिए कि कौन-सी सीट किस जाति की है.
Leave a Comment